17 जनवरी को पौष पूर्णिमा है। हिंदी पंचांग के अनुसार, पौष पूर्णिमा तिथि 17 जनवरी को देर रात 3 बजकर 18 मिनट से शुरू होकर 18 जनवरी को सुबह 5 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है। पूर्णिमा (Purnima) के दिन स्नान-ध्यान समेत पूजा, जप तप और दान का विधान है। ऐसी मान्यता है कि पौष पूर्णिमा के दिन सच्ची श्रद्धा से भगवान श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और शांति का आगमन होता है। साथ ही कुछ सरल उपायों को करने से भी घर में धन की प्राप्ति होती है। आइए, उन उपायों को जानते हैं-
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सनातन धर्म में मुख्य द्वार समेत घर के दरवाजों पर तोरण लगाना शुभ माना जाता है। इसके लिए पौष पूर्णिमा के दिन घर के मुख्य दरवाजा समेत अन्य दरवाजों पर आम और अशोक के पत्तों का तोरण जरूर लगाएं। साथ ही मुख्य दरवाजे पर स्वास्तिक जरूर बनवाएं। इससे घर में मां लक्ष्मी का अवश्य आगमन होगा।
सनातन धार्मिक ग्रंथों में निहित है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान करने से अश्वमेघ यज्ञ समतुल्य फल की प्राप्ति होती है। इसके लिए जथा शक्ति तथा भक्ति के भाव से पौष पूर्णिमा के दिन निर्धनों और जरुरतमंदों को दान अवश्य करें। इससे व्रती के जीवन में धन का आगमन होता है।
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पूर्णिमा के दिन स्नान ध्यान करने के बाद पूजा के समय 11 कौड़ियां लें। अब इसे लक्ष्मी जी सन्मुख रखकर धन प्राप्ति की कामना करें। इसके बाद मां को हल्दी की तिलक लगाएं। अगले दिन इन कौड़ियों को लाल रंग के वस्त्र में बांधकर अपने तिजोरी में रख लें। इससे घर में धन का आगमन होगा।
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पौष पूर्णिमा के दिन मंदिर में लक्ष्मी यंत्र, कुबेर यंत्र और व्यापार यंत्र जरूर स्थापित करें। अब मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करें। मां को गुलाबी रंग अति प्रिय है। अत: मां को गुलाबी रंग के फूल जरूर अर्पित करें।