RAHUL PANDEY
पूर्वांचल का प्रसिद्ध शहर गोरखपुर (GORAKHPUR) इस समय राजनीति का केंद्र बना हुआ है। सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से विधानसभा का चुनाव लडेंगे। लेकिन इसके इत्तर गोरखपुर की चिल्लूपार विधानसभा (Chillupar Assembly) काफी सुर्खियों में हैं। जी हां यहां पर तीन प्रमुख राजनीतिक दल के प्रत्याशी ब्राह्मण हैं। यहीं नहीं तीनों तिवारी हैं। इसलिए क्षेत्र में चुनावी नारा लग रहा है कि ‘कौन सा तिवारी पडेगा भारी’। 2007 से बसपा के खाते में रहने वाली इस सीट पर तीन राजनीतिक महारथी प्रत्याशी हैं। इन तीनों की इस सीट पर इतनी पकड है कि लोगों में चर्चा है कि किसको वोट न देकर बयाना मोल लिया जाए।
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सपा प्रत्याशी विनय शंकर तिवारी
यहां के वर्तमान विधायक विनय शंकर तिवारी, बाहुबली हरिशंकर तिवारी के बेटे हैं। यहां पर वह बसपा की सीट से जीते थे, लेकिन इस दफा वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। और सपा ने विनय शंकर तिवारी को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है।
भाजपा प्रत्याशी राजेश त्रिपाठी
पूर्व में बसपा की सीट से विधायक रहे राजेश त्रिपाठी भाजपा में शामिल हो गए हैं। वह भी इस क्षेत्र में अपना अलग रसूख रखते हैं। भाजपा ने राजेश त्रिपाठी को प्रत्याशी घोषित कर दिया है।
बसपा प्रत्याशी डाक्टर विजयानंद तिवारी
काफी समय से क्षेत्र में काबिज रही बसपा ने इस दफा डाक्टर विजयानंद तिवारी को प्रत्याशी बनाया है। काफी समय से राजनीति में सक्रिय विजयानंद तिवारी शिक्षक रहे और क्षेत्र में काफी लोकप्रिय रहे हैं। विजयनंद तिवारी भी राजनीतिक परिवार से आते हैं।
भाजपा और सपा को कोई खास कामयाबी नहीं
चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र के चुनाव में भाजपा और सपा को कोई खास कामयाबी नहीं मिली है। पिछले दो चुनावों के नतीजे देखे जाएं तो दोनों प्रमुख राजनीतिक दल दूसरे या फिर तीसरे स्थान के लिए संघर्ष करते दिखे हैं। इस दफा चिल्लूपार में होना वाला विधानसभा चुनाव काफी ऐतिहासिक रहेगा। दरअसल तीनों प्रत्याशी क्षेत्र में काफी दबदबा रखते हैं। और तीनों के बीच सीट को लेकर होने वाली जंग काफी रोचक रहेगी। वर्चस्व की लडाई में इस सीट पर जीत आगे का राजीतिक सफर भी तय करेगा।
15 वर्षों से बसपा का राज
अनुसूचित व ब्राह्मण बहुल इस सीट पर पिछले 15 वर्षों (2007-2017) से बसपा का राज है। 2017 में बसपा के टिकट पर चुनाव जीते विनय शंकर तिवारी ने अब सपा का दामन थाम लिया है। इससे मुकाबला दिलचस्प हो गया है।
हरिशंकर तिवारी का रहा दबदबा
चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र के चुनाव का इतिहास खंगालने पर वयोवृद्ध बाहुबली हरिशंकर तिवारी का नाम बार-बार, उभरकर सामने आता है। हरिशंकर तिवारी इस सीट से लगातार 22 वर्षों (1985 से 2007) तक विधायक रहे हैं। पहला चुनाव 1985 में निर्दलीय लड़ा था, फिर अलग-अलग राजनीतिक दल के टिकट पर चुनाव लड़कर जीतते रहे हैं। तीन बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर जीते व यूपी सरकार में मंत्री भी बने थे।
हार का सामना करना पड़ा
2007 के चुनाव में बसपा ने राजेश त्रिपाठी को अपना प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतार दिया। हरिशंकर तिवारी अखिल भारतीय राष्ट्रीय लोकतांत्रिक दल (एबीएलटीसी) के टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में हरिशंकर खिसक कर तीसरे स्थान पर पहुंच गए थे। इसका नतीजा रहा कि बसपा ने राजेश त्रिपाठी को मंत्री बना दिया। 2012 का चुनाव भी बसपा के राजेश त्रिपाठी ने जीता था, लेकिन 2017 के चुनाव में उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा था।
2017 के विधानसभा चुनाव में कुल मतदान 51.06 फीसदी
पार्टी मिले मत फीसदी
बसपा 78,177 35.89
भाजपा 74,818 34.29
सपा-कांग्रेस (संयुक्त प्रत्याशी)55,422 25.45
निषाद पार्टी 3,241 1.49
इस चुनाव में 2,512 मतदाताओं ने नन ऑफ द एबव (नोटा) का बटन दबाया, जो कुल मतदान का 1.15 फीसदी था। नौ प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे थे। प्रमुख दल के प्रत्याशियों को छोड़ दें तो ज्यादातर की जमानत जब्त हो गई थी।
3,359 मतों के अंतर से मिली थी बसपा को जीत
विधानसभा क्षेत्र में 4,31,450 मतदाता थे। इनमें से 2,20,317 मतदाताओं ने वोट डाले थे। सर्वाधिक मत पाकर बसपा प्रत्याशी विनय शंकर तिवारी विजयी रहे। भाजपा प्रत्याशी राजेश त्रिपाठी दूसरे स्थान पर थे। हालांकि जीत का अंतर बहुत ज्यादा नहीं था। 3,359 मतों के अंतर से बसपा को जीत मिली थी।
अब तक चुने गए विधायक
2017: बसपा से विनय शंकर तिवारी (अब सपा में चले गए)। 2012: बसपा से राजेश त्रिपाठी 2007: बसपा से राजेश त्रिपाठी 2002: एबीएलटीसी से हरिशंकर तिवारी 1996: एआईआईसी (टी) से हरिशंकर तिवारी 1993: कांग्रेस से हरिशंकर तिवारी 1991: कांग्रेस से हरिशंकर तिवारी 1989: कांग्रेस से हरिशंकर तिवारी 1985: निर्दलीय हरिशंकर तिवारी 1980: आईएनसी (आई) से भृगुनाथ 1977: जेएनपी से कल्पनाथ सिंह। 1974: कांग्रेस से भृगुनाथ
2022 के विधानसभा चुनाव में मतदाता
कुल मतदाता 4,26,424 पुरुष-2,30,349 महिला-1,96,071 थर्ड जेंडर-04