पृथ्वी और चन्द्रमा के बीच सूर्य के आ जाने से चंद्रग्रहण (lunar eclipse) लगता है। धार्मिक मान्यता है कि जब पृथ्वी और चंदमा के बीच सूर्य आ जाता है तो इसके चलते चंद्रग्रहण पड़ता है। चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा को लगता है। इस दौरान राहु और केतु का प्रकोप पृथ्वी पर रहता है, जिसका चिरकाल में समुद्र मंथन के समय भगवान श्रीहरि विष्णु जी ने अमृतपान करने के लिए वध कर दिया था। इसके बाद राहु और केतु को चन्द्रमा और पृथ्वी की छाया में स्थान दिया गया है।
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ग्रहण के दौरान राहु और केतु का प्रकोप रहता है, जिससे बने काम भी बिगड़ जाते हैं। अत: ग्रहण के दौरान शुभ काम करने की मनाही रहती है। साथ ही कई अन्य सावधानियां भी बरतनी होती है। खासकर गर्भवती महिलाओं को अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देना पड़ता है। खगोलशास्त्रियों और ज्योतिषों की मानें तो साल 2022 में दो चंद्र ग्रहण लगेंगे।
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आइए, चंद्रगहण की तिथि और समय के बारे में सबकुछ जानते हैं-
पहला चंद्र ग्रहण कब है
साल 2022 में पहला चंद्र ग्रहण 16 मई को लगने वाला है। यह भारत समेत विश्व के कई महादेशों में नजर आने वाला। हालांकि, भारत में भी इसका प्रभाव पड़ने वाला है। आसान शब्दों में कहें तो साल 2022 के पहले चंद्र ग्रहण में सूतक मान्य होगा। साथ ही सभी सावधानियां बरतनी होगी। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण है। बात करें समय की तो भारतीय मानक समयानुसार, प्रात: काल 7 बजकर 2 मिनट पर शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 20 बजे पर समाप्त होगा।
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दूसरा चंद्र ग्रहण कब है
साल 2022 में पहला चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को लगने वाला है। यह भारत समेत विश्व के कई महादेशों में नजर आने वाला। हालांकि, भारत में भी इसका प्रभाव पड़ने वाला है। आसान शब्दों में कहें तो साल 2022 के दूसरे चंद्र ग्रहण में भी सूतक मान्य रहेगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण है। बात करें समय की तो भारतीय मानक समयानुसार, दोपहर 1 बजकर 32 मिनट पर शुरू होकर शाम में 7 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगा। अत: दोनों ग्रहणों के दौरान सभी नियमों का पालन अनिवार्य है।
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