RAHUL PANDEY
KANPUR
Three Businessmen of Syndicate Involved in the Business of Adulterated Liquor: मिलावटी शराब सप्लाई करने के मामले में आउटर पुलिस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। सिंडिकेट से जुड़े शराब के तीन कारोबारी इस खेल में शामिल हैं। फर्जी बारकोड व ढक्कन की सप्लाई उन तक पहुंचाई जाती थी। जिसका इस्तेमाल कर वह मिलावटी शराब सरकारी ठेकों में खपाते थे। (Three Businessmen of Syndicate Involved in the Business of Adulterated Liquor)
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हो सकती है बड़ी कार्रवाई (Three Businessmen of Syndicate Involved in the Business of Adulterated Liquor)
पुलिस व एसटीएफ एक साथ मिलकर पूरे ऑपरेशन में जुटी है। जल्द इसमें बड़ी कार्रवाई हो सकती है। पुलिस ने सोमवार को दिल्ली निवासी वीरेंद्र कुमार राय, अशोक कुमार व मुकेश कुमार मित्तल को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। खुलासा किया था कि आरोपी यूपी समेत सात राज्यों में ब्रांडेड शराब के ढक्कन व फर्जी बारकोड शराब कारोबारियों को सप्लाई करते थे।
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तीन बड़े कारोबारी भी शामिल (Three Businessmen of Syndicate Involved in the Business of Adulterated Liquor)
इसमें एक राजेश जायसवाल का नाम पुलिस ने उजागर किया था। अब जांच में सामने आया है कि मिलावटी शराब के कारोबार में तीन बड़े कारोबारी भी शामिल हैं। दो कारोबारी कानपुर के हैं, वहीं एक पास के जिले का रहने वाला है। इनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य जुटाने के बाद पुलिस कार्रवाई करेगी। उधर पुलिस ने जेल भेजे गए आरोपियों को कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में अर्जी दी है। बुधवार को अर्जी पर सुनवाई है।
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कबाड़ियों से पुलिस ने किया संपर्क (Three Businessmen of Syndicate Involved in the Business of Adulterated Liquor)
आउटर पुलिस ने शहर व आउटर के बड़े कबाड़ियों से संपर्क किया है। कबाड़ का काम करने वाले एक दर्जन लोगों को पूछताछ के लिए पुलिस ने बुधवार को बुलाया है। पुलिस के मुताबिक इन कबाड़ियों से बड़े पैमाने पर शराब की खाली बोतलें खरीदी जा रही हैं। अब इसके खरीदार का पता लगाया जा रहा है। क्योंकि इन्हीं बोतलों में मिलावटी शराब भरकर फर्जी बारकोड व ब्रांडेड शराब कंपनी के ढक्कन लगाकर बाजार में बेचा जाता है। कबाड़ियों के जरिये बड़े रैकेट का खुलासा हो सकता है।
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पुलिस-आबकारी विभाग की रहती है मिलीभगत कबाड़ियों से पुलिस ने किया संपर्क (Three Businessmen of Syndicate Involved in the Business of Adulterated Liquor)
शहर और आउटर में अवैध शराब का कारोबार बड़े पैमाने पर होता रहा है। आबकारी विभाग व पुलिस की मिलीभगत से ही ये खेल होता है। जब फर्जी बार कोड की शराब शहर में बेची जा रही है और आबकारी विभाग अंजान बना हुआ है। इससे मिलीभगत का अंदाजा लगाया जा सकता है। स्थानीय पुलिस का शराब माफिया से गठजोड़ रहता है। इस वजह से वह बचते रहते हैं। पुलिस शराब माफिया को संरक्षण देती है और आबकारी विभाग अनजान बना रहता है। चेकिंग के नाम पर खानापूर्ति होती है। मोटी रकम हर महीने पहुंचती है। कुछ दिन पहले भी आबकारी इंस्पेक्टर निरंकार नाथ पांडेय रिश्वतखोरी में निलंबित किया गया था।
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अजीत कुमार सिन्हा, एसपी आउटर (Three Businessmen of Syndicate Involved in the Business of Adulterated Liquor)
अवैध शराब का कारोबार करने वाले पूरे गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए टीमें लगी हुई हैं। अभी तक की जांच में सामने आया है कि इसमें शराब के तीन कारोबारी भी शामिल हैं। ये संख्या बढ़ भी सकती है। सुबूत जुटाने के बाद कार्रवाई की जाएगी।