ARTI PANDEY
नोएडा: ICAN 5 के दूसरे दिन प्रोफेसर उज्जवल के चौधरी, सलाहकार और प्रोफेसर, डैफोडिल इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, ढाका द्वारा ‘दक्षिण एशियाई मीडिया में समावेशिता: भारत, नेपाल और बांग्लादेश की स्थिति’ विषय पर एक मास्टर क्लास का आयोजन किया गया। ( ICAN 5)
प्रो. चौधरी ने सामाजिक संदर्भ में समावेशिता की अवधारणा के बारे में बात की और इसे एक इच्छा के बजाय एक आवश्यकता कहा। उन्होंने कहा कि “हम सभी समाज के एक या दूसरे हिस्से में अल्पसंख्यक हैं …” और विभिन्न समुदायों के बीच संबंध बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “जिस तरह राजनीतिक पार्टियों के लिए लोग उनके वोट बैंक होते है, उसी तरह मीडिया घरानों के के लिए लोग विशिष्ट दर्शक होते हैं, और इसलिए मीडिया सामग्री बेहद सीमित होती है,”। डॉ सुस्मिता बाला ने सत्र का समापन करते हुए इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि सभी ने मूल्यवान परिचर्चा से बहुत कुछ सीखा।
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प्रो. चौधरी ने मीडिया ओनरशिप के स्वरुप और सामग्री के संदर्भ में तुलना करने के लिए भारतीय, बांग्लादेशी और नेपाली मीडिया का उदाहरण दिया। “नेपाल भारत की तुलना में बहुत छोटा देश है, लेकिन निजी एफएम चैनलों की संख्या बहुत अधिक है।” उन्होंने समाचार प्रसारित करने के लिए निजी रेडियो चैनलों पर प्रतिबंध का उल्लेख करते हुए विशेष रूप से उसकी निंदा की ।
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इससे पहले कांफ्रेंस की शुरुआत तकनीकी सत्र 1 के साथ हुई, जिसका विषय ‘जेंडर न्यूट्रैलिटी, सेक्सुअलिटी और महिलाओं व अन्य जेंडर का चित्रण’ था। डॉ शाहीना अयूब भट्टी, निदेशक, महिला अनुसंधान और संसाधन केंद्र, फातिमा जिन्ना महिला विश्वविद्यालय, रावलपिंडी, पाकिस्तान ने सत्र की अध्यक्षता की। सुकृति अरोड़ा, सहायक प्रोफेसर, डीएमई मीडिया स्कूल ने सत्र की सह-अध्यक्षता की।
डॉ अम्बरीष सक्सेना ने उद्घाटन भाषण में कहा, “समाज को संवेदनशील बनाने के लिए जेंडर सम्बन्धी मुद्दों पर नियमित रूप से चर्चा की जानी चाहिए। ICAN 5 में इस विषय पर संवाद करना सुखद है।”सत्र के दौरान कुल सात प्रस्तुतियां दी गईं। कुछ विषय जेंडर न्यूट्रलिटी: भारतीय समाज में जेंडर सम्बन्धी पूर्वाग्रहों की रूढ़ियों को तोड़ना के बारे में थे तो कुछ मीडिया में महिलाओं की सेक्सुअलिटी की खोज और भारतीय मीडिया में क्वीर जनसमूह के प्रतिनिधित्व से सम्बंधित थे। डॉ नम्रता जोशी, एसोसिएट प्रोफेसर और हेड डिपार्टमेंट ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, आरसी जीएनडीयू जालंधर द्वारा ‘एक्सप्लोरिंग सेक्सुअलिटी ऑफ वीमेन इन मीडिया’ शीर्षक वाले पेपर को सत्र के सर्वश्रेष्ठ पेपर प्रस्तुति के रूप में सम्मानित किया गया।
ICAN 5 के तकनीकी सत्र II में ‘डिजिटल युग में शिक्षा और स्वास्थ्य: महिलाओं और युवाओं पर ऑनलाइन का प्रभाव’ विषय पर पेपर प्रस्तुतियों के द्वारा कांफ्रेंस का विस्तार हुआ। इसकी अध्यक्षता डॉ. पल्लवी मजूमदार, प्रोफेसर, रॉयल थिम्पू कॉलेज, भूटान ने की। प्रमोद कुमार पांडेय, सहायक प्रोफेसर, डीएमई मीडिया स्कूल ने सत्र की सह-अध्यक्षता की।
अपने उद्घाटन भाषण में डॉ अंबरीष सक्सेना ने कहा कि ICAN के हर नए संस्करण के साथ, डीएमई मीडिया स्कूल एक कदम आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा है। “हमने ICAN 5 में मीडिया और समाज के सभी प्रमुख मुद्दों को शामिल किया है।”सत्र के दौरान टिकटॉक ऐप के बारे में महिला मीडिया साक्षरता: बीजिंग और हुबेई प्रांत का एक अध्ययन; छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर ऑनलाइन शिक्षा का प्रभाव; और माता-पिता और किशोरों के बीच मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में जागरूकता जैसे बेहद सार्थक विषयों पर शोध पत्रों पर चर्चा की गई। जिशान ज़ेंग और ज़िन्के याओ, रेनमिन विश्वविद्यालय, चीन; को उनके शोध के लिए सर्वश्रेष्ठ पेपर प्रस्तुतकर्ता के रूप में सम्मानित किया गया, जिसका शीर्षक था टिकटॉक ऐप के बारे में महिला मीडिया साक्षरता: बीजिंग और हुबेई प्रांत का एक अध्ययन। (JAIHINDTIMES is the media partner of the conference)
जय हिंद टाइम्स (JAIHINDTIMES) सम्मेलन के मीडिया पार्टनर हैं।