Bhadli Navami 2022: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) की नवरात्रि का भड़ली नवमी (Bhadli Navami) कहते हैं। चतुर्मास से पहले यह योग बन रहा है,इस दिन बिना किसी मुहूर्त के मांगलिक कार्य किया जा सकता है। इस साल यह नवमी 8 जुलाई को है। इस दिन शादी और दूसरे मांगलिक कार्य बिना किसी शुभ मुहूर्त के किए जा सकते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह अबूझ मुहूर्त है, इस दिन जिसका विवाह मुहूर्त न भी बन रहा हो, उसकी विवाह भी हो जाता है। (Bhadli Navami 2022)
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इस चार माह के विशेष समयकाल को चातुर्मास कहते हैं। (Bhadli Navami 2022)
हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को ‘देवशयनी एकादशी या हरिशयनी एकादशी नाम से जाना जाता है और इसी दिन से चातुर्मास का आरंभ होता है।भगवान श्री हरी विष्णु देवशयनी एकादशी के दिन से अगले चार माह के लिए योगनिद्रा या शयनावस्था में रहते हैं और इस चार माह के विशेष समयकाल को चातुर्मास कहते हैं। 10 जुलाई देवशयनी एकादशी से शुरू होकर 4 नवंबर तक चातुर्मास रहेंगे। इस दिन से मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं, अब सीधे शरद नवरात्रि में ही मांगलिक कार्य होंगे, इसके बाद विवाह आदि देवउठनी एकादशी से शुरू होंगे।। (Bhadli Navami 2022)
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चातुर्मास में लोग भागवत, रामायण आदि का पाठ कराते हैं। इस दोरान दान देना भी बहुत महत्वपूर्ण है। इन चार महीनों में सृष्टि भगवान शिव के हाथों में आ जाती है। सावन का महीना शुरू होता है और पूरे महीने शिव जी की पूजा की जाती है।। (Bhadli Navami 2022)
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