ARTI PANDEY
नोएडा: ‘इन्क्लुजिविटी, कन्वर्जेन्स, एंड अल्टरनेटिव नेगोटिएशन्स’ पर विश्व के पहले 7-दिवसीय हाइब्रिड अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस के समापन समारोह में भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और अन्य देशों के प्रमुख शिक्षाविदों और मीडियाजगत की बड़ी बड़ी हस्तियों ने शिरकत की। 07 जुलाई, 2022 को इस मेगा कांफ्रेंस का आयोजन दिल्ली मेट्रोपॉलिटन एजुकेशन द्वारा डीकिन यूनिवर्सिटी, मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया के सहयोग से किया गया।
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डॉ सुस्मिता बाला, प्रोफेसर और प्रमुख, डीएमई मीडिया स्कूल और मुख्य सहयोगी संयोजक, ICAN 5 ने उद्घाटन सम्बोधन प्रेषित कर इसकी शुरुआत की। उन्होंने कहा, “ICAN का उद्देश्य मीडिया और संचार के क्षेत्र में ज्ञान भंडारण है। पिछले चार संस्करणों में, हम 20 पुस्तकों में प्रकाशित 400 से अधिक शोध पत्रों के साथ इसे पूरा करने में सक्षम रहे हैं।
इस पांचवें संस्करण की यात्रा को संक्षेप में डॉ अम्बरीष सक्सेना, प्रोफेसर और डीन, डीएमई मीडिया स्कूल और संयोजक, ICAN 5 द्वारा चित्रित किया गया। उन्होंने कहा कि, “इस वर्ष, हमने अपने भारतीय उपमहाद्वीप के 2 पड़ोसी देशों पाकिस्तान और बांग्लादेश को अपने साथ जोड़ा। ऐसा करने का हमारा उद्देश्य शिक्षाविदों द्वारा विचार-विमर्श और औद्योगिक जगत के विद्वानों के साथ जुड़कर ज्ञान विविधता को समृद्ध करना था।” उन्होंने कहा, “इस कांफ्रेंस की सफलता का श्रेय हमारे साथ सहयोग करने वाले संस्थानों और दुनिया भर से हमारे साथ जुड़ने वाले मीडिया प्रोफेशनलस को दिया जा सकता है।”
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ग्लोबल कांफ्रेंस की प्रशंसा करते हुए, प्रोफेसर डॉ शेख मोहम्मद शफीउल इस्लाम, अध्यक्ष, पत्रकारिता एवम मीडिया संचार विभाग, ग्रीन यूनिवर्सिटी, बांग्लादेश ने कहा, “इस सम्मेलन ने निर्धारित सभी उद्देश्यों को पूरा किया है जिसमे इन्क्लूसिविटी, कन्वर्जेन्स और अल्टरनेटिव नेगोशिएशन्स शामिल हैं।”
डॉ वजिहा रजा रिजवी, एसोसिएट प्रोफेसर, स्कूल ऑफ मीडिया एंड मास कम्युनिकेशन, बीकनहाउस नेशनल यूनिवर्सिटी, लाहौर, पाकिस्तान ने कहा, “डीएमई के साथ सहयोग हमारे लिए एक बेहतरीन अनुभव रहा है। ICAN ने एक वैश्विक शोधकार्यों को उच्च स्तरीय मंच प्रदान किया है। इसने एक सांस्कृतिक संबंध विकसित किया है और दोनों देशों को करीब लाने में अहम् भूमिका का निर्वहन किया है।”
डॉ रूही लाल ठाकुर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रमुख, एएससीओ, एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा ने कहा, “ICAN 5 ने दुनिया भर के मीडिया स्पेशलिस्ट्स, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं के साथ बातचीत करने और उनसे सीखने का अवसर दिया।”
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डॉ पूजा महेश, एसोसिएट प्रोफेसर, मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन, दुबई ने कहा, “मैं डीएमई की पूरी टीम को मास्टर क्लास, तकनीकी सत्र, पैनल चर्चा जैसे व्यावहारिक सत्रों के साथ इस तरह के कांफ्रेंस के आयोजन के लिए बधाई देती हूं।”
डॉ शाहीना अयूब भट्टी, डीन, फातिमा जिन्ना महिला विश्वविद्यालय, रावलपिंडी, ने पाकिस्तान से अपनी शुभकामनाएं और स्नेह DME के लिए भेजा। उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि हमारे लिए ऐसे बहुमूल्य सहयोग के कई और अवसर इंतजार कर रहे हैं।”
दिल्ली मेट्रोपॉलिटन एजुकेशन के वाइस चेयरमैन अमन साहनी ने मेगा-कॉन्फ्रेंस आयोजित करने के लिए डीएमई मीडिया स्कूल को बधाई दी। उन्होंने कहा, “ICAN 5 एक मैराथन इवेंट रहा है। मैं पूरी टीम के प्रयासों की सराहना करता हूं और शुभकामनाएं देता हूं।” डीएमई के डायरेक्टर जनरल, न्यायमूर्ति भंवर सिंह ने कहा, “मैं सम्मेलन की सफलता से बेहद खुश हूं। ICAN 5 की टीम प्रशंसा की पात्र है।” डीएमई के निदेशक डॉ रविकांत स्वामी ने कहा, “ICAN में छात्रों, शिक्षकों और मीडिया प्रैक्टिशनरों की भागीदारी रही है और यही मायनों में यही समावेशिता है।”
सम्मेलन के अंतिम तकनीकी सत्र में ‘कल्चरल डाइवर्सिटी, कम्युनल हारमनी एंड असिमिलेशन थ्रू आर्ट एंड म्यूजिक’ विषय पर चर्चा करते हुए डॉ पुनीता दुरईराजन, प्रमुख और एसोसिएट प्रोफेसर, पोस्ट ग्रेजुएट डिपार्टमेंट ऑफ़ कम्युनिकेशन, महिला क्रिश्चियन कॉलेज, चेन्नई ने सत्र की अध्यक्षता की।
देश भर के रिसर्च स्कॉलर्स ने धार्मिक संघर्षों के दौरान मीडिया रिपोर्टिंग को समझना: एक अध्ययन; भारतीय सिनेमा में विदेशी संस्कृतियों का चित्रण और दिल्ली में युवाओं के बीच कोरियाई नाटकों की लोकप्रियता जैसे प्रासंगिक विषयों पर पेपर प्रस्तुतियां दी।
ICAN 5 के दिन -6 की पूर्व संध्या पर आयोजित पांचवें और अंतिम पैनल चर्चा में ‘कंस्ट्रक्शन ऑफ़ जेंडर नैरेटिव ऑन ओटीटी: विज़ुअलिसिंग द फ्यूचर ऑफ़ कंटेंट’ के बारे में विस्तृत चर्चा देखी गई।
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डॉ अम्बरीष सक्सेना ने अपने कथन से इस पैनल चर्चा की भूमिका स्थापित की। उन्होंने कहा, “महामारी के दौरान, जब हमारे पास तलाशने के लिए और कुछ नहीं था, तब ओटीटी मीडिया ने हमारे जीवन में प्रवेश किया, और तब से, हम अपनी व्यस्त जीवन शैली के साथ भी इसे अपने साथ लिए चल रहे हैं।”
कश्मीर विश्वविद्यालय के मीडिया शिक्षा अनुसंधान केंद्र की प्रोफेसर डॉ सबा मुफ्ती ने कहा कि दर्शकों के छोटे-छोटे समूह तेजी से बढ़ रहे हैं। “ऐसे प्लेटफार्मों पर सेंसरशिप की अनुपस्थिति में अधिक मात्रा में रचनात्मकता के साथ उनके पसंद अनुकूल कंटेंट बनाया जा रहा है।”
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सम्मेलन के छठे दिन का अंतिम सत्र NOTTO – राष्ट्रीय अंग और टिश्यू प्रत्यारोपण संगठन द्वारा अंग दान पर जागरूकता अभियान था। डॉ अर्चना कुमारी, कंसल्टेंट कोऑर्डिनेशन, NOTTO ने प्रतिभागियों को ब्रेन स्टेम डेथ और टिश्यू ट्रांसप्लांट जैसी प्रक्रियाओं के माध्यम से अंग दान के संबंध में सभी अनिवार्य जानकारी से परिचित कराया। सत्र के दौरान अंगदान से जुड़ी कानूनी प्रक्रिया पर भी विस्तार से चर्चा की गई।
अंगदान और टिश्यू प्रत्यारोपण के बीच अंतर बताते हुए वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा कि मृत्यु के बाद अंगदान एक जटिल प्रक्रिया है और कई अंगों को दान नहीं किया जा सकता है, लेकिन मृत्यु के बाद भी टिश्यू की एक विस्तृत श्रृंखला दान की जा सकती है। उन्होंने बताया कि, “टिश्यूके मामले में, कॉर्निया (आईरिस के सामने आंख का हिस्सा), हड्डियां, त्वचा, नसें, हृदय वाल्व और लिगामेंट 25 से अधिक लोगों के जीवन को बचा सकते हैं,”। डॉ अर्चना ने अंगदान से जुड़े विभिन्न मिथकों को भी खारिज किया।
(JAIHINDTIMES is the media partner of the conference)
जय हिंद टाइम्स (JAIHINDTIMES) सम्मेलन के मीडिया पार्टनर हैं।