ARTI PANDEY
KANPUR NEWS: मरीजों को उच्च कोटि के चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने हेतु हैलट के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में 21 जुलाई, 2022 को शुरू की गई स्पेशलिटी क्लीनिक मेनोपॉज क्लीनिक का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ राजशेखर, कमिश्नर कानपुर नगर ने फीता काट कर किया। उद्घाटन के समय उनके साथ प्राचार्य डॉ संजय काला, स्त्री रोग एवम प्रसूति विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ नीना गुप्ता व एसआईसी डॉ आर के मौर्या उपस्थित रहे। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉक्टर संजय काला ने स्पेशलिटी क्लीनिक के लिए स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के प्रयासों के लिए विभागाध्यक्ष डॉ नीना गुप्ता को बधाई दी।
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विभागाध्यक्ष प्रोफेसर नीना गुप्ता ने बताया कि मेनोपॉज अर्थात रजो-निवृत्ति स्त्री के जीवन चक्र का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। यह अमूमन 45 से 50 साल की उम्र में होता है परंतु विगत वर्षों में ऐसा देखा जा रहा है कि भारत एवं अन्य एशियाई देशों में मेनोपॉज की यह उम्र और घट गई है। यह वह समय है जब महिलाएं, चाहे वह कामकाजी हो या ग्रहणी, अपनी जिम्मेदारियों के लिए पूरी तरीके से समर्पित होती हैं। शारीरिक एवं मानसिक रूप से इस समय उनके ऊपर काफी दबाव होता है, ऐसे में मेनोपॉज से होने वाली परेशानियां जैसे ऑस्टेपोरोसीस के फ्रैक्चर, अत्यधिक रक्तस्त्राव, मूत्र संबंधी परेशानियां या कमजोरी उनके स्वस्थ जीवन में बाधा बन सकती है। मेनोपॉज क्लीनिक का उद्देश्य महिलाओं एवं साथ ही साथ पुरुषों को जागरुक करना है तथा इन परेशानियों का निदान करना है। मेनोपॉज क्लीनिक की इंचार्ज प्रोफेसर शैली अग्रवाल ने अपने व्याख्यान में बताया कि भारत में 2023 तक लगभग एक अरब 40 करोड़ महिलाएं मेनोपॉज के पड़ाव मैं होंगी इसलिए उनके स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के निदान के लिए इस प्रकार की क्लीनिक काफी मददगार साबित हो सकती है।
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डॉ गरिमा गुप्ता ने बताया कि…
मेनोपॉज क्लीनिक के सह इंचार्ज डॉ गरिमा गुप्ता ने बताया कि इस अवसर पर लगभग 80 महिलाओं की बोन मैरो डेंसिटी (बीएमडी) करने के लिए निशुल्क कैंप भी लगाया गया है। क्योंकि यह पाया गया है कि 50 वर्ष की उम्र में महिलाओं में ऑस्टेपोरोसीस ( उम्र के साथ होने वाली हड्डियों की एक कमजोरी) होने के लगभग 40% संभावना होती है और उनके साथिया प्रतिशत बढ़ता जाता है। समय पर बीएमडी करा लेने से और उसके बाद ऑस्टेपोरोसीस का इलाज कर लेने से इससे होने वाले फ्रैक्चर को कम किया जा सकता है। कार्यक्रम का संचालन डॉ दिव्या द्विवेदी द्वारा किया गया। सभी संकाय सदस्यों, जूनियर डॉक्टर एवं कर्मचारियों सहित लगभग 150 लोगों ने कार्यक्रम में भाग लिया जिसमें डॉ लुबना खान, डॉ सीमा निगम, डॉ चयनिका काला, डॉ रीता गुप्ता, डॉ रेनू गुप्ता, डॉ नीलिमा वर्मा, डॉ संजय काला आदि उपस्थित रहे।
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