Sawan Purnima 2022 : हिंदू धर्म में पूर्णिमा (Purnima) का बहुत अधिक महत्व होता है। हर माह में एक बार पूर्णिमा पड़ती है। सावन मास की पूर्णिमा पर रक्षाबंधन का पावन पर्व भी मनाया जा रहा है। पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। आइए जानते हैं सावन मास पूर्णिमा डेट, पूजा- विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त(Sawan Purnima 2022)
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सावन पूर्णिमा तिथि(Sawan Purnima 2022)
सावन मास की पूर्णिमा का व्रत 11 अगस्त को रखा जाएगा और स्नान- दान 12 अगस्त को किया जाएगा। पूर्णिमा व्रत में रात्रि में चांद की पूजा की जाती है, जिस वजह से व्रत 11 अगस्त को किया जाएगा। पंचांग के अनुसार 12 अगस्त की रात्रि तक पूर्णिमा तिथि नहीं रहेगी, जिस वजह से व्रत 11 अगस्त को स्नान दान 12 अगस्त को ही किया जाएगा।
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मुहूर्त-(Sawan Purnima 2022)
श्रावण, शुक्ल पूर्णिमा प्रारम्भ – 10:38 ए एम, अगस्त 11
श्रावण, शुक्ल पूर्णिमा समाप्त – 07:05 ए एम, अगस्त 12
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पूजा -विधि-(Sawan Purnima 2022)
इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है। आप नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान भी कर सकते हैं। नहाते समय सभी पावन नदियों का ध्यान कर लें।
नहाने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।
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पूर्णिमा के पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना का विशेष महत्व होता है।
इस दिन विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना भी करें।
भगवान विष्णु को भोग लगाएं। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को भी शामिल करें। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें।
इस पावन दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का अधिक से अधिक ध्यान करें।
पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व होता है।
चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा की पूजा अवश्य करें।
चंद्रमा को अर्घ्य देने से दोषों से मुक्ति मिलती है।
इस दिन जरूरतमंद लोगों की मदद करें।
अगर आपके घर के आसपास गाय है तो गाय को भोजन जरूर कराएं। गाय को भोजन कराने से कई तरह के दोषों से मुक्ति मिल जाती है।
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