Pitru Visarjan Amavasya on 25: 25 को पितृ विसर्जन अमावस्या (Pitru Visarjan Amavasya ) है पितृपक्ष (Pitru Paksha) के 15 दिनों में लोग अपने पितरों को जल देते हैं। पितरों को उनकी पुण्यतिथि पर श्राद्ध करते हैं। वहीं इस पक्ष की एकादशी और सर्व पितृ अमावस्या (Pitru Amavasya) या पितृ विसर्जन अमावस्या कहते हैं। (Pitru Visarjan Amavasya on 25)
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सभी पितरों का विसर्जन (Pitru Visarjan Amavasya on 25)
इस दिन उन सभी पितरों, जिनकी तिथि याद नहीं है, उनका श्राद्ध किया जाता है। इसके अलावा भूले-बिसरे सभी पितरों का श्राद्ध इस दिन किया जा सकता है। इस दिन पितरों को विदा कर दिया जाता है। आश्विन कृष्ण पक्ष अमावस्या को पितृ विसर्जनी अमावस्या या महालया कहते हैं।जो व्यक्ति पितृ पक्ष के 15 दिनों तक श्राद्ध और तर्पण नहीं करते हैं,वे अपने पितरों के निमित्त श्राद्ध तर्पण कर सकते हैं।इसके अतिरिक्त जिन पितरों की तिथि ज्ञात नहीं,वे भी श्राद्ध-तर्पण अमावस्या को ही करते हैं।इस दिन सभी पितरों का विसर्जन होता है।
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वैसे तो श्राद्ध के पूरे 15 दिन ही पितरों को जल और तर्पण करना चाहिए। लेकिन ना हो सके तो उनकी तिथि पर ऐसा जरूर करें। तर्पण करने के लिए सबसे पहले सुबह स्नान करें और पितरों का तर्पण करने के लिए सबसे पहले हाथ में कुश लेकर दोनों हाथों को जोड़कर पितरों का ध्यान करें । उन्हें पूजा और तर्पण स्वीकार करने की याचना करें। इसके बाद उन्हें जल अर्पित करें और फिर कौवा और गाय का भोजन निकालकर किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं, फिर खुद भोजन करें।
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