Ahoi Ashtami 2022: महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र और मंगल कामना के लिए रखती है। इस व्रत को अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami) व्रत (VRAT) कहते हैं। धार्मिक मान्यता है कि अहोई अष्टमी के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है।
मीटर बदलवाने या नया कनेक्शन लेने पर लगेंगे प्रीपेड मीटर, पढ़ें
बिल्हौर के गंगा में डूबे तीन किशोरियों के शव मिले, दो की तलाश जारी
कानपुर के बिल्हौर में गंगा में स्नान करने आए 6 लोग डूबे
पूजन विधि
इस व्रत में महिलाएं निर्जला उपवास करती है।
हर साल कार्तिक मास की कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी व्रत मनाया जाता है। इस साल या व्रत 17 अक्टूबर सोमवार को मनाया जाएगा
अहोई अष्टमी के दिन व्रत करने वाली महिलाओं को धारदार वस्तुओं का प्रयोग करने से बचना चाहिए। जैसे इस दिन सुई या किसी भी नुकीली वस्तु का प्रयोग ना करें।
सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने प्रमुख सचिव से की GREENPARK के डिप्टी डायरेक्टर की शिकायत
कानपुर में मुंडन से लौटती कार नहर में गिरी, पुल तोड़कर पानी में बह गई कार
अहोई अष्टमी के दिन व्रत करने वाली महिलाओं को दिन के समय सोना नहीं चाहिए। इस दिन माता का ध्यान करने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
अहोई अष्टमी व्रत के दिन शाम के समय तारों को अर्ध्य देने की परंपरा है। तारों को अर्ध्य देने के बाद ही व्रत पूर्ण होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन जो महिला अहोई माता का व्रत रखती है उसे जल्द संतान सुख की प्राप्ति होती है।
अध्यक्ष पांच और महामंत्री पद पर नौ नामांकन, पढ़िए नाम
कल इतने बजे तक ही रहेगी नवमी तिथि
दुर्घटना की सूचना के चंद मिनटों बाद ही डीएम विशाख जी ने संभाली कमान
कोरथा गांव में पीड़ित परिवार से मिले सीएम योगी
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल अहोई माता व्रत
शुभ मुहूर्त- 17 अक्टूबर सुबह 9:00 बजे कर 29 मिनट से प्रारंभ होकर 18 अक्टूबर सुबह 11:57 से समाप्त होगा।
तारों को देखने का समय- 6:13 से है।
चंद्रोदय समय- 17 अक्टूबर रात 11:24 पर है।
बैठकों में लाखों का चाय नाश्ता, अब कहां पहुंची स्वच्छता रैकिंग ?
गांव वाले बोले, तेज आवाज हुई और सब दौड कर पहुंचे
साढ में हुए दर्दनाक हादसे की फोटो