ARTI PANDEY
कानपुर
डेंगू, मलेरिया से लोग परेशान हैं। तीन मौत डेंगू (Dengue) से हो चुकी है और सैकड़ों मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग और ग्राम पंचायत फॉगिंग (fogging on paper) और दवाओं का छिड़काव कागज पर तेजी से कर रहा है। संबंधित विभागों की लेटलतीफी से तेज से वायरल फैल रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के करीब दस गांवों में यह मच्छर (dengue mosquito) कहर बरपा रहे हैं। पंचायती राज विभाग दो माह में 17 लाख रुपये खर्च करने का दावा कर रहा है।
अभी तक सिर्फ 287 गांवों में ही फॉगिंग और एंटी लार्वा दवा का छिड़काव हो पाया है। यानी 303 गांव में अभी तक कीटनाशक, फॉगिग, मच्छररोधी दवाओं का छिड़काव तक नहीं किया गया। डीपीओरओ कमल किशोर बताते हैं कि गांवों में फॉगिंग मशीन की संख्या कम होने से धीरे-धीरे फॉगिंग हो रही है। जहां पर भी फॉगिंग (fogging) होती है वहां की फोटो भी भेजते हैं। जो गांव रह गए हैं वहां जल्द ही फॉगिंग होगी।
कागजों में पूरी रिपोर्ट तैयार
पिछले माह संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत सभी गांवों में फॉगिंग कराने का निर्देश दिया था। पंचायती राज विभाग का दावा है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में फॉगिंग सप्ताह में दो बार करायी जा रही है। कागजों में पूरी रिपोर्ट तैयार है। मगर मच्छरों के प्रकोप से लोगों को राहत नहीं मिल सकी। मच्छर अब भी लोगों का खून पी रहे हैं।
फॉगिंग मशीन पर्याप्त नहीं
पंचायती राज विभाग के अफसरों का कहना है कि फॉगिंग मशीन पर्याप्त संख्या में नहीं हैं। इससे सभी गांवों में फॉगिंग कराने में समस्या आ रही है। प्रत्येक न्याय पंचायत में ही एक मशीन है, जिससे फॉगिंग करायी जा रही है। हकीकत ये है कि जिस गांव में डेंगू (Dengue) का मरीज मिलता है उसी गांव में टीम पहुंचकर फॉगिंग और मच्छररोधी दवाओं का छिड़काव करती है और पंचायती राज विभाग को फोटो भेज देती है।
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