ARTI PANDEY
KANPUR NEWS: डीएवी कॉलेज (DAV College) पूरब का मैनचेस्टर है। नए विजन के साथ यह लगातार शिक्षित करने में अग्रसर है। यह बात डीएवी कॉलेज सैन्य अध्ययन विभाग के सभागार में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी शीर्षक “भारतीय विदेश नीति के 75 वर्ष, उपलब्धियां एवं संभावनाएं” के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि विधायक नीलिमा कटियार ने बोली। संगोष्ठी से संबंधित संपादित पुस्तक “भारतीय विदेश नीति के 75 वर्ष उपलब्धियां एवं संभावनाएं” का विमोचन किया गया।
पूर्ण कर चुका है सौ वर्ष
डीएवी कॉलेज प्रबंधतंत्र की सचिव कुमकुम स्वरुप ने बताया कि य़ह महाविद्यालय 2019 में अपनी स्थापना के सौ वर्ष पूर्ण कर चुका है। देश को आजादी दिलाने वाले अनेकों स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और शहीदों की कर्मस्थली रहा है। कॉलेज को अपने शिखर तक ले जाने में स्व. नागेंद्र स्वरुप के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
राजदूत जेके त्रिपाठी ने कहा कि
भारत सरकार के राजदूत जेके त्रिपाठी ने कहा कि 2014 के बाद भारत की विदेश नीति में अमूल चूल परिवर्तन किए गए, उसी का परिणाम है कि आज सम्पूर्ण विश्व का भारत के प्रति नजरिया बदला है। प्राचार्य प्रोफेसर अरुण कुमार दीक्षित ने बताया कि डीएवी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा और प्रतिष्ठित महाविद्यालय रहा है, पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी यहां पढ़े हैं। विशिष्ट अतिथि राजदूत अचल कुमार मल्होत्रा, राजदूत अनिल कुमार त्रिगुणायत एवं उत्तर प्रदेश राज्य उच्च शिक्षा परिषद के वाइस चेयरमैन डॉ. मुकुल चतुर्वेदी और सेवानिवृत्त मेजर जनरल अशोक कुमार, मीडिया प्रभारी डॉक्टर आर बी तिवारी व कई शिक्षक मौजूद रहे।
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