ARTI PANDEY
#Gorakhpur: बीआरडी मेडिकल कॉलेज (BRD) के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में बिना बेहोश किए ही मरीज का ऑपरेशन कर देने का मामला प्रकाश में आया है। आरोप है कि महिला के हाथ-पैर बांधकर डॉक्टर ने ऑपरेशन कर दिया। इस बीच मरीज चिल्लाती रही, लेकिन डॉक्टर ने एक न सुनी। दर्द से वह बदहवास हो गई। स्थिति बिगड़ने पर डॉक्टर ने उसे इंजेक्शन के जरिए दवा दी।
जानकारी के मुताबिक…
माया बाजार की रहने वाली नीलम गुप्ता को पेशाब की नली में 8.6 एमएम की पथरी थी। परिजन इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज के यूरोलाजिस्ट डॉ. पवन कुमार एसके के पास लेकर आए। नीलम के अनुसार, डॉक्टर ने दूरबीन विधि से ऑपरेशन की बात कही। इसे बाहर से मंगाने के लिए आठ हजार रुपये भी दिए गए। 21 नवंबर को डॉक्टर ने बेहोश कर ऑपरेशन किया। लेकिन, दर्द से राहत नहीं मिली।
दूसरी बार अल्ट्रासाउंड में 8.1 एमएम की पथरी मिली। डॉक्टर ने मेडिकल कॉलेज बुलाया और ऑपरेशन थियेटर में ले गए। आरोप है कि बेड पर हाथ-पैर बांध दिया। विरोध करने पर कहा गया कि यह जांच की प्रक्रिया है। इसके बाद बिना बेहोश किए पेशाब की नली में दूरबीन डालकर पथरी तोड़ने लगे। इसमें बेतहाशा दर्द हुआ।
ऑपरेशन थिएटर से निकलकर पति से इसकी शिकायत की। लेकिन, वह घर लेकर चले गए। इस बीच दर्द कम नहीं हुआ। तीसरी बार अल्ट्रासाउंड कराने पर पता चला कि पथरी नहीं है, लेकिन पेशाब की नली के पास घाव हो गया है। इसकी वजह से दर्द है। मरीज का इलाज अब निजी अस्पताल में चल रहा है।
डॉक्टर बोले– पथरी नहीं थी, जमा हो गया था चूरा…
आपरेशन करने वाले डा. पवन कुमार एसके ने हाथ-पैर बांधने से इनकार किया है। लेकिन उन्होंने आपरेशन से पूर्व बेहोश न करने की बात स्वीकार की है। उनका कहना है कि वह पथरी नहीं थी, पूर्व में जो पथरी तोड़ी गई थी उसका चूरन बुरादा पेशाब की नली में नीचे आकर इकट्ठा हो गया था। उसे तत्काल हटाना बहुत जरूरी था क्योंकि उसी की वजह से दर्द हो रहा था। आपरेशन थियेटर मुझे माह में केवल दो दिन मिलता है। एनेस्थेटिस्ट बुलाने के लिए तीन दिन पहले भर्ती करना पड़ता। ऐसे में विलंब होता। चूरन हटाने में ज्यादा दर्द नहीं होता है। ऐसा कई महिलाओं के साथ किया गया है। लेकिन किसी ने शिकायत नहीं की है। पथरी तोड़ने के लिए जब पहली बार आपरेशन हुआ था, उस समय बेहोश किया गया था।
बीआरडी मेडिकल कालेज प्राचार्य ने बताया कि…
बीआरडी मेडिकल कालेज प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने बताया कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। किसी ने ऐसी शिकायत नहीं की है। कालेज में बाहर से मशीन मंगाने की कोई व्यवस्था नहीं है और बिना बेहोश किए आपरेशन भी नहीं होना चाहिए। इस मामले में लिखित शिकायत मिलेगी तो संबंधित डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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