RAHUL PANDEY
जरौली (Jarauli) में चरागाह की चार बीघा जमीन पर कब्जा कराने के मामले में तत्कालीन तहसीलदार , 3 नायब तहसीलदार और 2 लेखपाल पर कार्रवाई होना तय है। तीनों को पहले नोटिस भेजी जाएगी। जिला प्रशासन ने तत्कालीन तहसीलदार समेत छह लोगों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति करते हुए राजस्व बोर्ड को पत्र भेजेगा। 2016-17 के दौरान यहां तैनात रहे तहसीलदार अमित गुप्ता अब मेरठ की मवाना तहसील में एसडीएम है। जबकि विलास उन्नाव में और सूरजभान नौबस्ता में तैनात हैं। डीएम विशाख जी ने बताया कि चरागाह पर कब्जे का मामला सामने आया है। संबंधित अफसरों पर राजद परिषद को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा जाएगा।
इन पर होगी कार्रवाई
तत्कालीन तहसीलदार अमित गुप्ता मेरठ के मवाना तहसील में एसडीएम, नायब तहसीलदार अजीत सिंह तहसीलदार कौशांबी, नायब तहसीलदार विराग खरबरिया तहसीलदार सदर उन्नाव, नायब तहसीलदार राकेश वर्मा रिटायर, लेखपाल सूरजभान नौबस्ता में तैनात और लेखपाल रामदास वर्मा रिटायर हो चुका है।
30 अधबने निर्माण बुलडोजर
वर्ष 2016-17 के दौरान जरौली की चरागाह की जमीन पर कब्जे हुए थे। तहसील प्रशासन ने बुधवार को यहां चरागाह की चार बीघा जमीन खाली कराई थी। जिसमें 30 अधबने निर्माण बुलडोजर चलाकर गिराए गए थे जबकि 29 अन्य लोगों को कब्जा खाली कराने के लिए नोटिस जारी किया गया था। इस मामले में लेखपाल प्रमोद कुमार की तहरीर पर पिता-पुत्र समेत 7 लोगों पर मुकदमा दर्ज हो चुका है। इन पर सरकारी जमीन (government land) बेचने का आरोप है।
चारागाह के सात दोषियों पर दर्ज हुई रिपोर्ट
भानु प्रताप सिंह, इंद्रपाल सिंह, देवेंद्र प्रताप सिंह, जिलेदार सिंह चंदेल, रामबहादुर सिंह, भानु प्रताप सिंह , राजबहादुर सिंह
भूमाफिया की होगी कार्रवाई
जरौली (Jarauli) में प्रशासन (administration) की चरागाह की करीब 21 बीघा जमीन है जो निजी काश्तकारों की जमीन के बीच से निकली है। इसी से सटी जमीन आराजी संख्या 563 रकबा 0.4000 हेक्टेयर और आराजी संख्या 565 रकबा 0.3170 हेक्टेयर इंद्रपाल सिंह की है। इन जमीनों में वह छठवे हिस्से का मालिक है। मार्च 2016 तक उसने अपने हिस्से की पूरी जमीन बेच दी थी। इसके बाद ही वह अपनी जमीनों पर बैनामे करता रहा और कब्जा चरागाह की जमीन पर करा दिया। बीते दिनों इसी तरह उसने दो लोगों को जमीन बेची थी। बैनामा कराने के बाद जब वह निर्माण कराने पहुंचे तो वहां विरोध करने वाले आ गए और उसे अपनी जमीन बताने लगे। इस पर जिलाधिकारी से शिकायत हुई। जांच के आदेश पर इस प्रकरण का राजफाश हुआ।
लेखपाल ने कर दिया दाखिल खारिज
जरौली (Jarauli) में आराजी संख्या 551 रकबा 2.5610 हेक्टेयर, आराजी संख्या 553 रकबा 1.3110 हेक्टेयर और आराजी संख्या 564 रकबा 0.4100 हेक्टेयर जमीन चरागाह की है। इस जमीन के चार बीघे पर कब्जा हो गया था जिसे बुधवार को ढहा दिया गया। हैरत की बात है कि चरागाह की जमीन होने के बावजूद लेखपाल ने दाखिल खारिज भी कर दिया। हालांकि अधिकारी बताते हैं कि चिंह्नाकन न होने के चलते यह गलती हुई है जिसे सुधार किया जा रहा है।
चरागाह की जमीन पर कई मंजिला इमारत
अधिकारी बताते हैं कि चरागाह की इस जमीन पर 200 से ज्यादा मकान बन चुके हैं। इनमें कई मंजिला इमारतें भी तन गई हैं जहां लोग परिवार के साथ रह रहे हैं। ऐसे में सरकारी जमीन पर आबादी बस चुकी है। बताया जाता है कि आबादी 30-40 साल पुरानी है। ऐसे में अधिकारी यहां बड़ी कार्रवाई करने से बच रहे हैं।
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