RAHUL PANDEY
आइजीआरएस (IGRS) में आने वाली शिकायतों को लेकर सरकार गंभीर है। लेकिन कुछ अफसरों की लापरवाही से फरियादी परेशान होते है। जांच अधिकारी पीड़ितों की शिकायत पर जांच चल रही है, जांच अधिकारी नामित है, रिपोर्ट मांगी गई है, पात्रता की जांच की जा रही है आदि जवाब देकर बच निकलते हैं। जिन मामलों में मुकदमा कोर्ट में है उनमें जांच अधिकारी एक लाइन में मुकदमा कोर्ट में लंबित है की रिपोर्ट देकर इतिश्री कर लेता है। लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। इन सबको लेकर सरकार ने अब सख्ती का फैसला लिया है। अधिकारियों को सीधा और स्पष्ट जवाब भेजना होगा। शासन की ओर से इस संबंध में गाइड लाइन जारी की गई है जिसमें बिंदुवार दिशा निर्देश दिए गए हैं। डीएम विशाख जी (DM Visakh Ji) ने बताया कि आइजीआरएस समेत सभी शिकायतों का निस्तारण जल्द और गुणवत्तापूर्ण किया जाए इस संबंध में आदेश दिए गए हैं। लापरवाह अफसरों पर कार्रवाई की जाएगी।
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20 बिंदुओं पर आधारित हैं गाइड लाइन
- शिकायत पर जांच चल रही है, जांच अधिकारी नामित है, रिपोर्ट मांगी गई है, पात्रता की जांच की जा रही है, आवेदन को कार्यालय में उपस्थित होकर अभिलेख प्रस्तुत करने को कहा गया है, कार्य शीघ्र करा दिया जाएगा, जांच चल रही है, रिपोर्ट मांगी गई है जैसे जवाब देने की बजाय अब सीधे रिपोर्ट देनी होगी
- शासन ने जो गाइड लाइन जारी की है वह 20 बिंदुओं पर आधारित है। जिसमें आमतौर पर जांच अधिकारी जो जवाब देते हैं, उनका जिक्र करते हुए स्पष्ट रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। उनमें से कुछ इस प्रकार हैं।
- अक्सर देखा जाता है कि विभाग प्रार्थना पत्र पर लिख देते हैं कि प्रकरण उनके विभाग से संबंधित नहीं है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। विभाग प्रकरण को संबंधित विभाग को संदर्भित करेंगे। आइजीआरएस में इसकी व्यवस्था पहले से ही है
- आवेदन रिपोर्ट दर्ज करने की मांग करता है तो उसे बुलाकर उसकी बात सुनकर रिपोर्ट दर्ज की जाए। अभी पुलिस रिपोर्ट लगाती है कि तहरीर मिलने पर कार्यवाही की जाएगी
- छात्रवृत्ति संबंधी शिकायतों में कमियों को अब जांच अधिकारी पूरा कराएंगे और छात्रवृत्ति दिलाएंगे
- किसी प्रकरण पर मुकदमा दर्ज हुआ है तो जांच अधिकारी को मुकदमे की प्रति और रिपोर्ट दोनों भेजनी होगी। जमीन पर कब्जे संबंधी शिकायतों पर कोर्ट केस, तारीख समेत अन्य सभी जानकारियां रिपोर्ट के साथ देनी होगी
- भूमि विवाद के मामलों में पुलिस और राजस्व विभाग पल्ला नहीं झाड़ सकेंगे। संयुक्त टीम बनाकर शिकायत का निस्तारण करना होगा जिसके बाद रिपोर्ट आइजीआरएस पर डाली जाएगी
- सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा है और मामला कोर्ट में है तो पूरी रिपोर्ट के साथ आइजीआरएस पर रिपोर्ट देनी होगी। इसके साथ ही कब्जा करने वाले के खिलाफ भूमाफिया की कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं
- तहसील से जुड़े प्रकरण के निस्तारण में नोटिंग की प्रति अपलोड करने से मना किया गया है। स्वच्छ, स्पष्ट और पठनीय रिपोर्ट ही अपलोड की जाएगी
- किरायेदारी विवादों में पुलिस और राजस्व की संयुक्त टीम दोनों पक्षों की बात सुनकर समाधान कराएगी। यदि समझौता नहीं होता है तो फिर न्यायालय जाने की सलाह दी जाए
- जिन मामलों को मुख्यालय अथवा शासन में रिपोर्ट लगाकर भेजा गया है, उनमें दोबारा शिकायत आने की स्थिति पर विभाग यह नहीं लिखेंगे कि मामला मुख्यालय भेजा जा चुका है। अब रिपोर्ट देनी होगी कि कब और किस पत्रांक से रिपोर्ट शासन को भेजी गई है
- सरकारी योजनाओं के लिए आवेदक अपात्र हैं तो क्यों हैं यह स्पष्ट रूप से देना होगा
- जो मामले दोबारा आए हैं उनमें वरिष्ठ अधिकारी स्थलीय निरीक्षण करके रिपोर्ट लगाएंगे। इसमें दो स्वतंत्र गवाह, नाम, पता व मोबाइल नंबर के साथ देना होगा
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