Mattu Pongal 2023: दक्षिण भारत में मकर संक्रांति के साथ चार दिवसीय पोंगल का पर्व शुरू होता है। 15 जनवरी से शुरू हुआ पोंगल का पर्व 18 जनवरी को समाप्त होगा। पोंगल के तीसरे दिन को मट्टू पोंगल के नाम से जानते हैं। जानिए पोंगल के तीसरे दिन में क्या-क्या होता है और इसका महत्व।
जोखिमभरा काम अपने बुलंद हौसलों से आसानी से कर सकती हैं लड़कियां : शिवानी कालरा
चार दिनों तक चलने वाले पोंगल के पहले दिन को भोगी पोंगल, दूसरे को थाई पोंगल, तीसरे दिन मट्टू पोंगल और चौथे दिन को कन्नम पोंगल के नाम से जानते हैं।
तीसरा दिन- मट्टू पोंगल
पोंगल के तीसरे दिन को मट्टू पोंगल के नाम से जानते हैं। इस दिन कृषि में उपयोग आने वाले पशुओं की पूजा की जाती है। पशुओं में सबसे महत्वपूर्ण बैल माना जाता है। इस दिन किसान बैल की विधिवत पूजा करते हैं। क्योंकि इन्ही के कारण अन्न उत्पन्न होते है।
कैसे मनाते हैं मट्टू पोंगल
मट्टू पोंगल के दिन बैलों को स्नान आदि कराकर सजाया जाता है। उनकी सींगों में तेल लगाया जाता है। इसके साथ ही गले में खूबसूरत घंटी के साथ सुंदर वस्त्र पहनाएं जाते हैं। इसके बाद विधिवत पूजा अर्चना करने के साथ फूल-माला पहनाएं जाते हैं। इसके साथ ही बैल को चावल, हल्दी, अदरक, गन्ने आदि खाने को दिए जाते हैं। बैल के अलावा गाय और बछड़े की पूजा की जाती है। इसके साथ ही घर के मुख्य द्वार में महिलाएं रंगोली बनाती हैं।
शुरू हुआ शादियों का सीजन, जनवरी से मार्च तक…
वाराणसी की तर्ज पर चलाने की तैयारी, फरवरी से गंगा नदी में लें क्रूज शिप का मजा
कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान शिव ने अपने बैल बिसवा को धरती में एक संदेश देने के लिए भेजा कि सभी लोग स्नान करने के बाद ही भोजन करें। लेकिन बैल से भूलवश सभी से कह दिया कि सभी पृथ्वीलोक के लोग एक बार ही भोजन करें। इस बात का पता जब शिव जी को पता चली, तो वह काफी क्रोधित हुए और बिसवा को शाम देते हुए कहा कि जाओ पृथ्वी लोग और वहां जाकर मनुष्यों की मदद करो। ऐसा माना जाता है कि बिसवा पृथ्वी में रहकर कृषि कार्य में मनुष्य की मदद करने लगे।
बाडी बिल्डिंग में गोल्डेन नाम है जावेद अली खान
मौनी अमवस्या पर लंबे अंतराल के बाद बन रहा है अद्भुत संयोग, जाने…
हृदय की मुख्य धमनी 100 प्रतिशत बंद, एंजियोप्लास्टी करके मरीज की जान बचाई
KANPUR NEWS दंपति की हत्या कर डकैती
डीएम साहब के आदेश के बाद भी नगर निगम ने नहीं दिया हर्जाना
सरकारी मशीनरी की लापरवाही, मरे लोगों के खाते में भेज दिए सात करोड़ रुपये
कौन सी मार्केट की किस दिन रहेगी साप्ताहिक बंदी
हर्षिता की मौत दहेज हत्या नहीं आत्महत्या थी : कोर्ट