राहुल पाण्डेय
नगर निगम (municipal corporation) की कमान 24 जनवरी से डीएम विशाख जी (DM vishakh ji) के हाथों में होगी, 23 जनवरी को महापौर प्रमिला पांडेय की विदाई होगी।। हालांकि इस बार शासनादेश के मुताबिक प्रशासक पद नहीं रखा गया है, मगर त्रिसदस्यीय कमेटी के अध्यक्ष जिलाधिकारी होंगे। एक तरह से वह बतौर प्रशासक ही कार्य करेंगे। 23 जनवरी 2017 को ही नगर निगम का पहला सदन हुआ था। इसलिए महापौर का कार्यकाल 23 जनवरी तक ही है।
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शासन से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि नगर पालिका परिषदों एवं नगर पंचायतों में डीएम की अध्यक्षता में त्रिस्तरीय कमेटी में प्रभारी अधिकारी स्थानीय निकाय और अधिशासी अधिकारी के हस्ताक्षर से वित्तीय कार्य होंगे। जहां नगर निगम हैं वहां प्रभारी अधिकारी स्थानीय निकाय और नगर आयुक्त के संयुक्त हस्ताक्षर से विकास कार्यों पर रकम खर्च की जा सकेगी। अन्य मदों में खर्च होने वाला बजट भी संयुक्त हस्ताक्षर से ही होंगे। प्रभारी अधिकारी स्थानीय निकाय एडीएम सिटी हैं, इसलिए चेक पर उनके और नगर आयुक्त के संयुक्त हस्ताक्षर होंगे। जारी किए गए शासनादेश में कहा गया है कि यह कमेटी दैनिक प्रशासनिक कार्यों के अलावा सिर्फ पहले से चले आ रहे कार्यों, विकास कार्यों की पर्यवेक्षण और क्रियान्वयन को सुनिश्चित करेगी।
कोई प्रशासक नहीं होगा
18 साल बाद ये मौका आया है जब महापौर का कार्यकाल खत्म हो गया है और चुनाव नहीं हुए हैं। 30 नवंबर 2005 से 23 दिसंबर 2005 तक प्रशासक का कार्यकाल रहा था। ये पहला मौका होगा जब डीएम के हाथ में नगर निगम की कमान होगी। कमेटी को कोई भी नई और बड़ी पॉलिसी लेने का अधिकार नहीं होगा। यह प्रक्रिया नगर निकाय चुनाव तक जारी रहेगी। ये पहली बार होगा जब महापौर का कार्यकाल खत्म होने के बाद कोई प्रशासक नहीं होगा। वर्ष 2005 में नगर निगम में प्रशासक पद पर नगर आयुक्त की तैनाती हुई थी।
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