ARTI PANDEY
मुख्यमंत्री सामुहिक विवाह योजना के अन्तर्गत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले जरूरतमंद, निराश्रित/निर्धन परिवारों के विवाह योग्य कन्या/विधवा/परित्यक्ता/तलाकशुदा महिलाओं का सामुहिक विवाह सम्पन्न कराया गया। कार्यक्रम में समाजिक/धार्मिक मान्यता एवं परम्परा/रीति-रिवाज के अनुसार कुल-208 विवाह सम्पन्न कराये गये। सामूहिक विवाह में एक जोडा ठगी का शिकार हो गया। लिस्ट में नाम न होने के चलते उन्हें मंडप से उतार दिया गया। काफी मिन्नतों बाद भी उनकी शादी नहीं हो सकी। अफसरों ने नियमों की बात कहा विवाह कराए जाने से मना कर दिया।
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कांशीराम कॉलोनी सनिगवां निवासी संध्या उर्फ तनु पिता राजू और अन्य रिश्तेदारों के साथ कानपुर नगर निगम द्वारा मोतीझील लॉन में सामूहिक विवाह में शादी करने के लिए पहुंची थी। कर्नलगंज निवासी पति आकाश तिवारी भी उनके साथ था। जब मौके पर पहुंचे तो पता चला उनका नाम लिस्ट में नहीं है। आकाश ने बताया कि एक संस्था ने उनका विवाह कराने के नाम पर 6 हजार रुपए लिए थे, लेकिन अब वो व्यक्ति गायब है। लिस्ट में नाम न होने पर परिजनों ने अधिकारियों से काफी सवाल-जवाब पूछे। आकाश ने इसकी शिकायत पुलिस से भी की है। मामले में अपर नगर आयुक्त जगदीश यादव से की है। आकाश ने बताया कि हम दोनों ही परिवार आर्थिक रूप से कमजोर हैं। इसलिए सामूहिक विवाह में शादी करने आए थे। मां ने पैसे जोड़-जोड़कर 6 हजार रुपए एकत्रित कर दिए थे।
दुल्हन दूल्हे का इंतजार करती रही
सामूहिक विवाह समारोह में एक ऐसा भी मामला आया कि दुल्हन दूल्हे का इंतजार करती रही, लेकिन दूल्हा आया ही नहीं। ढकनापुरवा निवासी रोशनी पिता सुरेश कुमार और अपने परिवार के साथ शादी करने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने नगर निगम से उपहार भी ले लिए। रश्में शुरू होने के बाद भी जब दूल्हा नहीं आया तो परिवार से संपर्क किया गया।
35000 सहायता राशि प्रदान की गयी
कन्या में दाम्पत्य जीवन में खुशहाल एवं गृहस्थी हेतु 35000 सहायता राशि प्रदान की गयी एवं उपहार के रूप में 10000 के यथा (कपडे, बिछिया, चांदी के पायल तथा सात बर्तन इत्यादि) सामग्री प्रदान की गयी। कार्यक्रम आयोजन हेतु भोजन, पण्डाल, फर्नीचर, पेयजल, विद्युत/प्रकाश व्यवस्था एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं हेतु 6000 व्यय किया गया। इस प्रकार कुल प्रति जोडा 51000 व्यय किया गया।
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