RAHUL PANDEY
शासन की योजनाओं का पलीता कोई और नहीं सरकारी कर्मचारी (government employee) ही लगाने में लगे हैं। बिना धन पात्रों को उनका हक नहीं मिल रहा है। ऐसे ही एक मामला प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) के तहत दिए जाने वाले आवास को लेकर आलाधिकारियों के सामने आया है। जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास पाने के वास्तविक 12 हकदारों को बड़ा झटका लगा। कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से उनको सत्यापन में अपात्र कर दिया है। आरोप लगाया है कि उनसे 10-10 हजार रुपये मांगे जा रहे थे। इसकी शिकायत बीडीओ से की गई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। अब जिलाधिकारी और सीडीओ से शिकायत की गई है। परियोजना निदेशक को जांच के निर्देश दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो गरीब होते हैं उन्हें आवास मिलते हैं । उनके पास कोई पक्का मकान नहीं होना चाहिए। घाटमपुर ब्लॉक में वित्तीय वर्ष में एक हजार से अधिक प्रधानमंत्री आवास बनाने का लक्ष्य था । आवेदनों का बीडीओ ने जब सचिवों से सत्यापन कराया तो 12 भूमिहीन और गरीबों को अपात्र किए जाने की जानकारी मिली। घाटमपुर के 12 लोगों ने हलफनामा लगाकर डीएम और सीडीओ से शिकायत की। परियोजना निदेशक कुमुदेंन्द्र कलाकर ने बताया कि हलफनामे पर लोगों ने शिकायत की है। उसकी जांच की जाएगी। अगर सत्यापन गलत तरीके से किया गया होगा, तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी। उनका नाम पात्र सूची में शामिल किया जाएगा।
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