RAHUL PANDEY
जाजमऊ आगजनी मामले में सपा विधायक इरफान सोलंकी (Irfan Solanki) और उनके भाई रिजवान सोलंकी, एक अन्य आरोपी मो. शरीफ को आरोप मुक्त (डिस्चार्ज) करने की अर्जी पर एमपीएमएलए सेशन कोर्ट के न्यायाधीश सत्येंद्र नाथ त्रिपाठी 17 फरवरी को फैसला सुनाएंगे। बुधवार को मामले में अभियोजन और बचाव पक्ष दोनों की ओर से अपने अपने तर्क रखे गए।
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बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता गौरव दीक्षित ने तर्क रखा कि वादिनी नजीर फातिमा ने मजिस्ट्रेट को दिए बयान में कहीं पर भी इरफान और रिजवान का नाम नहीं लिया है। जिस प्लॉट पर आगजनी की बात कही जा रही है उस प्लॉट की मालकिन भी नजीर नहीं है। इरफान और रिजवान घटना के समय घटनास्थल पर मौजूद ही नहीं थे। इन आधारों पर दोनों के खिलाफ मुकदमे में आरोप तय नहीं किए जाने चाहिए। एडीजीसी भास्कर मिश्रा ने तर्क रखा कि घटना के समय नजीर का बेटा मौजूद था और उसने पुलिस को दिए बयान में इरफान-रिजवान का नाम लिया है। इसके अलावा पांच और चश्मदीद गवाहों के बयान में भी इनके नाम सामने आए हैं। दोनों पर नजीर के घर में आग लगाने का आरोप है।
इरफान की एक और अग्रिम जमानत अर्जी खारिज
कानपुर जमीन कब्जाने के एक और मामले में विधायक इरफान सोलंकी की अग्रिम जमानत याचिका जिला जज ने खारिज कर दी है। इस मामले में भी पुलिस ने एमपीएमएलए कोर्ट से इरफान का का रिमांड ले लिया था। इस आधार पर जिला जज संदीप जैन ने इसे खारिज कर दिया। एडीजीसी रविंद्र अवस्थी ने बताया कि जाजमऊ के दुर्गा विहार निवासी विमल कुमार ने सपा विधायक इरफान सोलंकी, बिल्डर हाजी वसी, कमर आलम व शाहिद लारी के खिलाफ जाजमऊ थाने में रंगदारी, धोखाधडी, कूटरचना व गाली गलौच का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज करायी थी। कहा था कि हाजी वसी की पत्नी की कंपनी हमराज कंस्ट्रक्शन में इरफान निदेशक है। इरफान के सहयोग से हाजी वसी ने साथियों के साथ मिलकर उसकी जमीन पर पर कब्जा कर लिया।
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