RAHUL PANDEY
नई सड़क हिंसा के मुख्य आरोपी मौलाना मोहम्मद अली जौहर फैंस एसोसिएशन (एमएमए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात जफर हाशमी को हाई कोर्ट (High Court) से जमानत मिल गई। लेकिन दो और मुकदमों में अभी जमानत नहीं मिली है। वहीं, रासुका के खिलाफ भी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल है, जिस पर सुनवाई जल्द होगी। हालांकि अभी उसे जेल में ही रहना।
भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के विवादित बयान के विरोध में हयात ने 3 जून 2022 को बाजार बंदी का आह्वान किया था। बंदी की आड़ में नई सड़क पर हिंसा हो गई थी। भीड़ अचानक उग्र होकर चंद्रेश्वर हाते पर पथराव करने लगी थी। इसमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस मामले में बेकनगंज पुलिस ने हिंसा के तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए थे।
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पुलिस ने हयात के साथ ही सगंठन के चार अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया था। पुलिस की जांच में सामने आया कि चंद्रेश्वर हाता को खाली कराने के लिए यह षडयंत्र रचा गया। जिसमें मुख्तार बाबा, हाजी वसी व डीटू गैंग के कई लोगों के नाम सामने आए थे। पुलिस ने इस मामले में पांच दर्जन से ज्यादा आरोपी बनाए थे और तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए गए थे। मुकदमे में कई आरोपियों को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है। अधिवक्ता मो. सलीम ने बताया कि हयात लगभग नौ माह से जेल में बंद है।
अधिवक्ता मोहम्मद सलीम ने बताया कि मुकदमा अपराध संख्या 42/2022 में हयात को जमानत मिल गई है। हाई कोर्ट के जस्टिस समीर जैन दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद जमानत अर्जी स्वीकृत की है। मुकदमा अपराध संख्या 43/2022 और 44/2022 में जमानत मिलना शेष है। पुलिस ने हयात पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत भी कार्रवाई की है। इसमें भी उसे जमानत मिलना बाकी है। ऐसे में अभी हयात को जेल में ही रहना होगा। अधिवक्ता ने बताया कि दोनों मुकदमों में जमानत अर्जी पर जल्द सुनवाई के लिए अपील करेंगे। रासुका के मामले में हाई कोर्ट में रिट पर सुनवाई लंबित है।
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