RAHUL PANDEY
कानपुर (KANPUR) के बासमंडी स्थित करीब चार बडे रेडिमेड काम्प्लेक्स दो दिन से धधक रहे हैं। आग इतनी विकराल है कि कहीं से कभी भी धुंआ उठने लगता है। फायर विभाग के अफसर और कर्मचारी लगातार इसे बुझाने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं बीते रोज डिप्टी सीएम बृजेश पाठक (Brajesh Pathak) और शनिवार को पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने व्यापारियों से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि अब तक अरबों रूपये का माल जलकर खाक हो चुका है। डीएम विशाख जी (DM Vishakh ji) ने आग लगने का कारण और क्षति के आंकलन को लेकर टीम गठित कर दी है। टीम एडीएम वित्त जो की डीडीएमए के सीईओ है की अध्यक्षता में बनाई गई है। इसमें सहायक नगर आयुक्त सूर्यकांत त्रिपाठी, मुकेश पाण्डेय और अग्निशमन अधिकारी दीपक शर्मा शामिल हैं। टीम पूरा आंकलन कर रिपोर्ट डीएम को सौंपेगी। सरकार के तय मुआवजा राशि के अनुसार ही आपदा विभाग की ओर से इसे वितरित किया जाएगा।
खबर लिखे जाने तक टावरों की आग पर काबू नहीं पाया जा सका है। फायर ब्रिगेड लगातार पानी छोड रहा है। दोपहर में हमराज काम्प्लेक्स से आग नफीस टावर तक पहुंच गई। आननफानन में तीन गाडियों को बुलाकर आग को बुझाया गया। लेकिन धूंए की गुबार से लोगों को सांस लेने में काफी परेशानी हो रही है।
धडल्ले से दुकाने बनाई गई
वहीं अगर आग लगने के बाद अब तक इस पर काबू नहीं पाया जा सका तो इसका कारण बिना मानक और फायर एनओसी के बने यह सभी काम्प्लेक्स। दरअसल यह मार्केट बनाए जाने को लेकर सभी नियम को ताक पर रखा दिया गया। राजनीतिक रसूख के चलते कोई भी अफसर इस ओर निगाह नहीं कर सका। इसके बाद धडल्ले से यहां दुकाने बनाई गई। न तो फायर उपकरण को रखा गया और न ही बिल्डिंग मानकों को पूरा किया गया। फायर ऑफिसर अजय सिंह ने बताया कि आग बढ़ने की सबसे बड़ी वजह ये है कि सभी कॉम्प्लेक्स एक-दूसरे लगे हुए हैं। जबकि नियमों के मुताबिक अगर बिल्डिंग के चारों ओर 2 मीटर का सेटबैक छोड़ा गया होता तो आग एक टावर से दूसरे टावर तक नहीं पहुंचती। किसी भी बड़ी कॉमर्शियल बिल्डिंग में 1.60 मीटर की चौड़ी सीढ़ियां बनाई जानी चाहिए। लेकिन सभी कॉम्प्लेक्स में 1 मीटर से भी कम चौड़ी सीढ़ियां बनाई गई हैं।
हमराज और एआर टावर के बीमों तक में दरारें पड़ गई
मुताबिक आग के चलते टावर के ग्राउंड फ्लोर और ऊपरी हिस्से की छतें लटक गई हैं। फायर डिपार्टमेंट के अधिकारियों के मुताबिक, इन कॉम्प्लेक्स को बनाते हुए ज्यादा से ज्यादा दुकान निकालने पर जोर दिया गया। सुरक्षा इंतजाम पर नहीं। यहीं वजह है कि इस अग्निकांड में एआर टावर, मसूद कॉम्प्लेक्स और हमराज कॉम्प्लेक्स (Hamraj Complex) पूरी तरह तबाह हो चुके हैं। इसमें सबसे ज्यादा बुरे हालात मसूद कॉम्प्लेक्स के हैं। वहीं हमराज और एआर टावर के बीमों तक में दरारें पड़ गई हैं। सभी 6 कॉम्प्लेक्स में फायर फाइटिंग के एक भी इंतजाम नहीं हैं। न तो बिल्डिंग में स्मोक डिटेक्टर लगाए गए, न तो फायर स्प्रिंकलर मिले। न ही पूरी बिल्डिंग में आग से बचाव के लिए पाइप लाइन बिछाई गई। फायर ऑफिसर्स की मानें तो अगर बिल्डिंग में स्प्रिंकलर लगे होते तो बंद दुकानों में आग न फैलती।
फायर सर्विस के सीओ दीपक शर्मा के मुताबिक आग को बुझाने में सबसे बड़ी समस्या बिल्डिंग के अंदर प्रवेश नहीं मिलने की वजह से हुआ। किसी भी बिल्डिंग में आग के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। किसी भी बिल्डिंग में मेन एंट्रेंस के अलावा इमरजेंसी एग्जिट या दूसरा कोई और रास्ता नहीं है। सिर्फ सामने की तरफ से ही आग बुझाने का मौका हमारे पास है। सभी दुकानों के अंदर शटर बंद हैं और दुकानें कपड़ों से भरी हुई हैं। दुकानें अंदर ही अंदर ही जल रही हैं। लगातार पानी का छिड़काव किया जा रहा है, लेकिन आग पर काबू नहीं हो पा रहा है।
शाम को फिर भडकी आग, मकान खाली कराए गए
AR टावर की तीसरी मंजिल की सीढ़ियों से एक डेड बॉडी मिली
यूपी का सबसे बड़ा रेडीमेड होलसेल बाजार जलकर राख
हमराज कॉम्प्लेक्स में लगी आग, सियासत गरमाई
कानपुर नगर निगम आरक्षित, आरक्षण सूची जारी, देखें
मेंटेनेंस करने वाले ने काटा बैंक का लॉकर, जेवरात बरामद