RAHUL PANDEY
नगर निगम (municipal corporation) के अफसरों की आरामतलबी और लापरवाही के चलते शहर कहीं पर भी टाॅप पर नहीं पहुंच पा रहा है। जनता की शिकायतों के गुणवत्ता पूर्ण निस्तारण को लेकर डीएम विशाख जी (DM Visakh order) काफी सख्त हैं। लेकिन नगर निगम की शिकायतों के निस्तारण में हीलाहवाली के चलते सब मेहनत बेकार हो रही है। आईजीआरएस की शिकायतों के निपटारे में पिछले महीने की अपेक्षा इस दफा छलांग लगाई है। फरवरी महीने में जहां शहर की रैंक 69 थी तो मार्च में 51 रैंक पर पहुंच गई। आईजीआरएस (IGRS) प्रभारी ज्वाइंट मजिस्ट्रेट राकेश कुमार ने बताया कि शिकायतों के गुणवत्त्ता पूर्ण निस्तारण किए गए। इस दफा रैंकिंग में काफी सुधार हुआ है। नगर निगम को लापरवाही पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
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मुख्यमंत्री योगी जनता की शिकायतों के निपटारो को लेकर काफी संवेदनशील हैं। अफसरों को जल्द और गुणवत्ता पूर्ण शिकायतों के निस्तारण का आदेश है। डीएम विशाख जी ने भी किसी प्रकार की हीलाहवाली न बरते जाने का निर्देश दे रखा है। बताया गया कि मार्च महीने में शिकायतों की संख्या सात हजार से अधिक थी। कुछ विभागोें का छोड दे तो 31 मार्च तक सबके निस्तारण भी हो गए। इससे शिकायतों के निस्तारण में शहर की रैकिंग में काफी सुधार आया। दस में दस प्वाइंट भी मिले। एक महीने में इतनी अधिक शिकायत आने पर 12 नंबर कट गए , इसके चलते और रैकिंग नहीं चढ पाई। आईजीआरएस प्रभारी ने बताया कि रैकिंग में सुधार को लेकर मेहनत की जा रही है। सभी विभागों को लेटर भी जारी किया गया है।
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सबसे फिसड्डी विभाग
बताया गया कि सबसे फिसड्डी और लापरवाह विभाग नगर निगम है। अफसर काम नहीं करना चाहते, इसके चलते आईजीआरएस में सबसे अधिक शिकायतें करीब साठ प्रतिशत इस विभाग की है। शिकायतों के निस्तारण भी कम थे, 31 मार्च तक 41 डिफाल्टर थे, यानि इसका निस्तारण नहीं हो सका था। इस संबंध में विभाग को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। दूसरे नंबर पर पुलिस विभाग की 1200 और केडीए 500 करीब शिकायतें आई थीं।