RAHUL PANDEY
कानपुर में सरकारी आवासों पर सरकारी अफसर और कर्मचारी सालों से कब्जा किए हैं। तबादला होकर आ रहे अफसरों को आवास के लिए आलाधिकारी कार्यालयों में चक्कर काटना पडता है। तय समय के बाद भी आवास पर कब्जा किए अफसरों पर डीएम विशाख जी (DM Visakh ji) ने कडी कार्रवाई की है। आवास में कब्जा करके रह रहे 11 अफसर व कर्मचारियों को हटाया जाएगा। उनसे 15 लाख रुपए की रिकवरी की जाएगी। इसका आदेश डीएम ने जारी कर दिया है। जल्द ही सभी आवासों को खाली कराकर कब्जा मुक्त कराया जाएगा।
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शिकायत के बाद खुला खेल
सरकारी आवास को लेकर शिकायत होने के बाद डीएम ने जांच कराई तो अवैध कब्जे के खेल का पर्दाफाश हो गया। अब सभी आवासों को नोटिस जारी करके खाली कराया जाएगा। अगर आवास को रह रहे लोगों की ओर से खाली नहीं किया गया तो पुलिस बल के साथ खाली कराए जाएंगे। आवास खाली कराने के लिए एसीएम-6 और दो एसीपी समेत तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है।
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बीस-बीस साल से एक ही आवास में रह रहे
कानपुर में सरकारी आवास पाने की चाह रखने वालों की लंबी फेहरिस्त है। इन आवासों को बीस-बीस साल से कई अधिकारी और कर्मचारियों ने खाली किए हैं। कई तो ट्रांसफर होने के बाद भी इन आवासों में जमे हुए हैं और कई तो रिटायर होने के बाद आवास नहीं छोड़ रहे हैं।
अधिकारी व कर्मचारी- जुर्माना
रिटायर वरिष्ठ सहायक जगवीर सिंह- 1.51 लाख।
बर्खास्त लिपिक कार्तिकेय यादव- 44 हजार।
उर्दू अनुवादक फरहाना बेगम- 1.10 लाख।
रिटायर लिपिक उमेश बहादुर- 12 हजार।
बर्खास्त अमीन हैदर नकवी- 1.18 लाख।
बर्खास्त लिपिक विनीत तिवारी- 1.25 लाख।
ट्रांसफर एसडीएम व्यास नरायण- 82 हजार।
ट्रांसफर उद्यान अधिकारी सीपी अवस्थी- 27 हजार।
ट्रांसफर एपीओ जय हिन्द त्रिपाठी- 2.31 लाख।
रिटायर लिपिक जगदीश यादव- 17 हजार।
रिटायर वरिष्ठ सहायक हरीश नाथ पांडेय- 6.17 लाख।