कानपुर में सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी (MLA Amitabh Bajpai) एमपी-एमएलए कोर्ट से बरी हो गए हैं। 21 दिसंबर 2019 को कानपुर (KANPUR) में हुए सीएए और एनआरसी के दंगों में विधायक के ऊपर बलवा का मुकदमा दर्ज हुआ था। मामले में विधायक और उनके साथी कमलेश दिवाकर को आरोपी बनाया गया था। वह जमानत पर चल रहे थे। बुधवार को कोर्ट ने उन्हें सबूतों के अभाव में बरी में कर दिया। अमिताभ बाजपेयी (MLA Amitabh Bajpai) आर्य नगर सीट से सपा के विधायक हैं।
तत्कालीन एडीजी ने दर्ज कराया था मुकदमा
2019 में कानपुर (KANPUR) में हुए दंगे के दौरान रिटायर हो चुके तत्कालीन एडीजी प्रेम प्रकाश ने विधायक पर मुकदमा दर्ज कराया था। कोर्ट से राहत मिलने के बाद सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी ने बताया कि ये मुकदमा पूरी तरह झूठा था। बलवा में 5 लोगों का होना जरूरी था, लेकिन 5 लोग भी मेरे साथ मौजूद नहीं थे।
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पुलिस की हुई गवाही
विधायक के वकील सूबेदार सिंह ने बताया कि पुलिस की तरफ से 8 पुलिस कर्मियों की गवाही हुई, लेकिन एमपीएमएलए कोर्ट आलोक यादव की कोर्ट ने विधायक और कमलेश दिवाकर को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
हिरासत में रहे थे विधायक
4 साल पहले की बात करें तो सपा विधायक अमिताभ बाजपेई (MLA Amitabh Bajpai) को 5 घंटे तक हिरासत में रहना पड़ा था। 21 दिसंबर 2019 में कानपुर (KANPUR) में हुए सीएए और एनआरसी के विरोध में हुए दंगों के दौरान विधायक पर भी बलवा और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। विधायक 2 साल पुराने मुकदमे में एमपी व एमएलए के लिए गठित विशेष न्यायालय सत्येंद्र नाथ त्रिपाठी के समक्ष सरेंडर किया था।
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