हिंदू धर्म में पूजा- पाठ को लेकर भी कई नियम बताए गए हैं। यह नियम आध्यात्मिक दृष्टि से तो महत्व रखते ही हैं। साथ ही इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी छिपे होते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ कारण।
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क्या है धार्मिक महत्व
शास्त्रों के अनुसार, धार्मिक स्थानों पर सिर ढकना इसलिए जरूरी माना जाता है क्योंकि धार्मिक स्थल सबसे पवित्र माने जाते हैं। साथ ही यह भगवान के प्रति अपना सम्मान प्रकट करने का एक अच्छा तरीका है। सिर ढकने का एक अन्य कारण यह भी है कि सिर पर कुछ न रहने से बाल पूजा सामग्री पर गिर सकते हैं। इससे पूजा की चीजें अशुद्ध हो जाती हैं। और भगवान को कभी भी अशुद्ध पूजा सामग्री अर्पित नहीं की जाती। वरना आपको पूजा का फल प्राप्त नहीं होता।
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वहीं शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि सिर ढकने से पूजा करते समय व्यक्ति का मन इधर-उधर नहीं भटकता। एक कारण यह भी है कि बालों में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश कर सकती है। नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाव के लिए भी सिर ढकना जरूरी होता है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। इन सभी कारणों से सिर ढकने को जरूरी बताया गया है।
वैज्ञानिक कारण
हिंदू धर्म में होने वाले रीति-रिवाजों के वैज्ञानिक कारण भी होते हैं। उसी प्रकार धार्मिक स्थानों पर सिर ढकने के भी वैज्ञानिक कारण मौजूद हैं। विज्ञान के अनुसार आकाशीय विद्युत तरंगे खुले सिर में प्रवेश कर सकती हैं। इससे व्यक्ति को क्रोध, सिर दर्द, आंखों में परेशानी जैसी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
बालों में चुम्बकीय शक्ति भी होती है। ऐसे में रोग फैलाने वाले कीटाणु आसानी से इसके सम्पर्क में आते है। सिर ढकने से इन कीटाणुओं से भी बचाव होता है। धार्मिक स्थानों पर अकसर भीड़ पाई जाती है। ऐसे में इन सभी परेशानियों से बचने के लिए सिर ढकना जरूरी चाहिए।
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