मोतियाबिंद के लिए सर्जरी नहीं, काफी हैं ये घरेलू इलाज
आंखों से जुड़ी समस्या में एक गंभीर समस्या मोतियाबिंद की भी है, जिससे आंख के लैंस में एक धब्बा आ जाता है और चीजें धुंधली नजर आती हैं। इस समस्या को सर्जरी के जरिए तो हटाया जा सकता हैं लेकिन अगर प्रॉब्लम की अभी शुरुआत हुई है तो आप कुछ घरेलू नुस्खों की मदद से इससे निजात पा सकते हैं।
आंखें कुदरत की एेसी अनमोल देन हैं, जिसके बिना हम अपने आस-पास की खूबसूरती के नजारे नहीं ले सकते हैं। इसलिए आंखो को आपकी सबसे ज्यादा केयर की जरूरत पड़ती हैं। अगर कोई आंख से जुड़ी समस्या हो जाए तो उसे लापरवाह करने की बजाए गंभीरता से लें क्योंकि एक बार आंखों की रोशनी चली जाए तो दोबारा नहीं पाई जा सकती।
मोतियाबिंद के प्रकार
- मोतियाबिंद दो तरह का होता है।
- एक कोमल और दूसरा कड़ा।
- कोमल मोतियाबिंद नीले रंग का होता हैं जो बचपन से लेकर 35 साल की उम्र के व्यक्ति को होता है।
- वहीं कड़ा मोतियाबिंद पीले रंग का होता हैं जो ज्यादातर बुढ़ापे में ही होता है।
- यह एक आंख में भी हो सकता हैं और एक साथ दोनों आंखों में भी।
मोतियाबिंद के लक्षण
- आंख की पुतली के पीछे एक लेंस होता है।
- पुतली पर लाइट को यह लेंस फोकस करता है और रेटिना पर ऑब्जेक्ट की साफ इमेज बनाता है।
- रेटिना से यह इमेज नर्व्स तक और वहां से दिमाग तक पहुंचती है।
- पुतली के पीछे का यह लेंस बिलकुल साफ होता है तभी लाइट आसानी से पास हो पाती हैं लेकिन जब लेंस में कुछ धुंधलापन आ जाता हैं तो इसमें लाइट गुजरनी बंद हो जाती हैं, जिससे व्यक्ति को साफ दिखाई नहीं देता।
- इसी प्रॉब्लम को मोतियाबिन कहा जाता है।
- इलाज ना करवाने पर यह समस्या बढ़ती जाती हैं जिससे रोशनी कम होती जाती है।
मोतियाबिंद के कारण
डायबिटीज
मधुमेह यानि की डायबिटीज सिर्फ गुर्दे या दिल के लिए खतरनाक नहीं बल्कि आंखों पर भी बुरा असर डालती है। मधुमेह के कारण होने वाली आंखों की इन बीमारियों से बचने के लिए समय समय पर जांच करवाते रहना चाहिए। कुछ मरीजों में लैंस में धुंधलापन आ जाता है, उसकी पारदर्शिता खत्म हो जाती है इसे डायबिटिक कैटरैक्ट कहते हैं।
यूवाइटिस
मोतियाबिंद की समस्या उन लोगों में ज्यादा होती है जो यूवाइटिस से ग्रस्त होते हैं। यह समस्या एक प्रकार की सूजन है जो यूवेइआ में होते हैं।इस सूजन के बहुत सारे कारण हो जैसे ट्रामा या संक्रमण। यह समस्या तेजी से बढ़ रही है जिसे कैंसर से भी ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है।
आंख में चोट लगने के कारण
कनीनिका में चोट लगने के कारण भी मोतियाबिंद की समस्या हो सकती है। इससे आंखों की लैंस पर बुरा असर पड़ता है।
मोतियाबिंद के घरेलू उपचार
बादाम और काली मिर्च
4 बादाम को रात भर भिगोकर रखें और सुबह इसे 4 काली मिर्च के साथ पिसकर मिश्री के साथ खाएं। इसके उपर से दूध पीएं। मोतियाबिंद की परेशानी सही होगी।
कच्ची व हरी सब्जियां
कच्ची व हरी सब्जियों में पोषक तत्व और विटामिन ए (Vitamin A) की उच्च मात्रा होती है जो कि आंखों के स्वास्थ्य रखने के जरूरी है। अपने दैनिक आहार में कच्ची सब्जियों को शामिल करें। इससे मोतियाबिंद के साथ ही आंखों की अन्य सामान्य समस्याओं से भी निपटा जा सकता है।
कच्चा पपीता
कच्चे पपीते, मोतियाबिंद से ग्रसित लोगों को लाभ देता है। कच्चा पपीता रोजाना खाने करने से आंखों के लेंस नए जैसे चमकने लगते हैं।
ग्रीन टी
ग्रीन टी से आंखों की रोशनी तेज हो सकती है। रोजाना तीन से चार बार ग्रीन टी पीने आंखों को स्वास्थ्य लाभ होता है। ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट (Antioxident) आंखों को नई ताजगी देते हैं।
प्याज
10 मि.ली. सफेद प्याज, अदरक और नींबू का रस लें और इसे 50 मि.ली शहद में मिलाकर रोजाना 2 बूंद आंखों में डालें। इससे मोतियाबिंद कट जाता है।
गाजर
310 मि.ली. गाजर के रस में 125 मि.ली. पालक का रस मिलाकर पीएं। इससे भी मोतियाबिंद दूर हो जाता है।
लहसुन
लहसुन की दो से तीन कलियां रोजाना खाने से कुछ ही दिनों में धब्बे की शिकायत दूर हो जाएगी।
जामुन
जामुन में एंथोसायनोसाइड्स (Anthocyanosides) तथा फ्लेवनाइड्स (Flavonoids) काफी अधिक होते हैं जो कि रेटिना (Retina) और आंखों के लैंस (Eye Lens) की रक्षा करते हैं हालांकि जामुन से मोतियाबिंद पूरी तरह नहीं हटता लेकिन दृष्टि की अस्पष्टता को ठीक किया जा सकता है।