Padmini Ekadashi 2023 : हिन्दू पंचांग के अनुसार, 29 जुलाई को पद्मिनी एकादशी है। हर वर्ष सावन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी (Ekadashi) तिथि को मनाया जाता है। इस दिन चराचर के संचालक भगवान विष्णु और धन की अधिष्ठात्री मां लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा की जाती है। साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाता है। Padmini Ekadashi Vrat Katha
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धर्म शास्त्रों में निहित है कि एकादशी व्रत करने से साधक को गौदान के समतुल्य फल प्राप्त होता है। साथ ही घर में सुख, समृद्धि, शांति और खुशहाली आती है। पद्मिनी एकादशी पर व्रत कथा के पाठ से साधक को सुख-समृद्धि और संतान की प्राप्ति होती है। आइए, पद्मिनी एकादशी की व्रत कथा जानते हैं- Padmini Ekadashi 2023
व्रत कथा Padmini Ekadashi 2023
त्रेतायुग में महिष्मती पुरी नामक राज में कृतवीर्य नामक प्रतापी राजा राज करता था। नरेश कृतवीर्य महान योद्धा थे। उन्होंने आसपास के नरेशों को परास्त कर अपने साम्राज्य का विस्तार किया था। इस वजह से उनकी एक से अधिक भार्या थीं, किन्तु सभी निःसंतान थीं। संतान प्राप्ति के लिए राजा कृतवीर्य ने देवी-देवताओं की पूजा-उपासना की। वैद्य और चिकित्सक से भी सलाह ली। इसके बावजूद संतान की प्राप्ति नहीं हुई। ये सोच नरेश कृतवीर्य ने कठोर तपस्या करने का निश्चय किया। इसके पश्चात, मंत्री को कार्यभार सौंप वर्षों तक गंधमादन पर्वत पर राजा कृतवीर्य ने तपस्या की। इससे भी उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति नहीं हुई। उस समय पतिव्रता रानी पद्मिनी से अनसूया ने मलमास महीने में पड़ने वाली सावन मास की एकादशी व्रत करने की सलाह दी। Padmini Ekadashi 2023
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अनसूया के वचनानुसार, महारानी Padmini ने पुत्र प्राप्ति हेतु पुरुषोत्तम मास में पड़ने वाली एकादशी का व्रत रख विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा उपासना की। साथ ही रात्रि जागरण भी की। महारानी पद्मिनी की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उन्हें पुत्र प्राप्ति का वरदान दिया। इस व्रत के पुण्य प्रताप से महारानी पद्मिनी को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। धार्मिक मान्यता है कि कृतवीर्य का पुत्र कार्तवीर्य तीनों लोकों में सबसे शक्तिशाली थे। उन्हें भगवान को छोड़ कोई युद्ध के मैदान में परास्त नहीं कर सकता था। लंका नरेश रावण को कार्तवीर्य ने चुटकी में हरा दिया था। वर्तमान समय तक पृथ्वी लोक पर कार्तवीर्य की शक्ति के समतुल्य कोई पैदा नहीं हुआ है। परास्त करना तो दूर की बात है। Padmini Ekadashi 2023
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