Shri Krishna Janmashtami 2023: जन्माष्टमी (Janmashtami 2023) का त्योहार भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन लड्डू गोपल का श्रृंगार विशेष रूप से किया जाता है।
शाहरुख खान की ‘जवान’ का रिव्यू आया
अफसर कर रहे शिकायतों का झूठा निस्तारण
Shri Krishna Janmashtami 2023: जन्माष्टमी पर खीरे की अहम भूमिका है। इसके बिना जन्माष्टमी की पूजा अधूरी मानी जाती है। मान्यताओं के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी के दिन खीरा चढ़ाने का विशेष महत्व है।
जन्माष्टमी पर करें श्री कृष्ण शतनामावली स्तोत्र का पाठ
खीरा काटने की प्रक्रिया (Shri Krishna Janmashtami 2023)
जन्माष्टमी (Janmashtami 2023) के दिन खीरे को काटकर उसके तने से अलग किया जाता है। दरअसल इस दिन खीरे को श्री कृष्ण के माता देवकी से अलग होने का प्रतीक के रूप में देखा जाता है। यही कारण है कि कई स्थानों पर जन्माष्टमी के दिन खीरा काटने की प्रक्रिया को नल छेदन के नाम से भी जाना जाता है। जन्म के समय जिस तरह बच्चों को गर्भनाल काट कर गर्भाशय से अलग किया जाता है, ठीक उसी प्रकार श्री कृष्ण जन्मोत्सव के मौके पर खीरे की डंठल को काटकर कान्हा का जन्म कराने की परंपरा चली आ रही है।
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘BHOKAALNEWSJAIHINDTIMES’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM , dailymotion और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।
जन्माष्टमी पर करें श्री कृष्ण शतनामावली स्तोत्र का पाठ
जन्माष्टमी पर इन सरल श्रीकृष्ण मंत्रों का करें जाप
कैसे कराएं खीरे से बाल गोपाल का जन्म ? (Janmashtami puja vidhi)
माना जाता है कि रात के 12:00 बजे श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इसलिए जन्माष्टमी के अवसर पर डंठल और हल्की सी पत्तियों वाले खीरे को कान्हा की पूजा में उपयोग करें। रात के 12 बजते ही खीरे के डंठल को किसी सिक्के से काटकर कान्हा का जन्म कराएं। इसके बाद शंख बजाकर बाल गोपाल के आने की खुशियां मनाएं और फिर विधिवत बांके बिहारी की पूजा करें।
पितृ पक्ष में पड़ने वाली इन तीन तिथियों का रखें ध्यान और जानिए…
साल 2023 में कब है जितिया? जाने
डिसक्लेमर: ‘इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें।