Supreme Court: जातीय जनगणना को लेकर बिहार सरकार (Government of Bihar) के लिए अच्छी खबर है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) इस मामले की सुनवाई में किसी भी तरह से शामिल होने से इनकार कर रहा है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा, हम किसी भी राज्य का काम नहीं रोक सकते। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि किसी भी सरकार को नीतिगत फैसले लेने से रोकना अनुचित होगा। BIHAR CASTE CENSUS
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आपको बता दें कि बिहार सरकार ने हाल ही में राज्य की जातीय जनगणना के आधार पर विभिन्न जातियों की जानकारी जारी की है। इस गणना के विरोध में सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी। इसी मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह बात कही।
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अवैध रूप से जुटाया गया था डेटा CASTE CENSUS
याचिकाकर्ता के वकील ने दावा किया कि इस याचिका की सुनवाई के दौरान अवैध रूप से डेटा एकत्र किया गया। इस पर कोर्ट ने कहा कि हम यथास्थिति बनाए रखने के लिए किसी भी तरह की रोक या आदेश जारी नहीं करेंगे। सरकार को नीतिगत निर्णय लेने से रोकना अनुचित होगा। हालांकि, बिहार सरकार को सुप्रीम कोर्ट के अनुरोध पर चार सप्ताह के भीतर जवाब देना होगा। अगले साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) अब इस मामले की सुनवाई करेगा।
कोर्ट ने कहा…
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने याचिकाकर्ता से कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश में विस्तार से बताया गया है कि पॉलिसी के लिए डेटा की आवश्यकता क्यों है। जानकारी वर्तमान में आम जनता के लिए उपलब्ध है। ऐसे में अब आप हमसे क्या चाहते हैं? इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने जवाब दिया कि मामले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की स्थिति का अनुमान लगाए बिना आंकड़े जारी किए गए, जो सही नहीं है। जिस पर न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा, “हम इस पर विचार करेंगे।”
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