Pitru Paksha : सनातन पंचांग के अनुसार, 11 अक्टूबर को पितृ पक्ष की द्वादशी तिथि है। इस दिन संध्याकाल से त्रयोदशी तिथि शुरू हो रही है। हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत मनाया जाता है। Pitru Paksha
सर्वपितृ अमावस्या पर करें ये खास उपाय
द्वादशी तिथि पर पितरों की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। ज्योतिषियों की मानें तो पितृ पक्ष (Pitru Paksha) की द्वादशी तिथि पर एक साथ 4 शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इन शुभ योग में पितरों को तर्पण देने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। वहीं, द्वादशी तिथि पर रुद्राभिषेक के लिए शुभ योग बन रहा है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
शुभ मुहूर्त
अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि 11 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 37 मिनट तक है। इसके बाद त्रयोदशी तिथि शुरू हो जाएगी। अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। Pitru Paksha
शुक्ल योग
बुध प्रदोष व्रत शुक्ल योग का निर्माण हो रहा है। शुक्ल योग का निर्माण 12 अक्टूबर तक है। इस दौरान नारायण श्रीहरि की पूजा-उपासना करने से सुख, समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी कामों में सिद्धि प्राप्त होती है।
WHAT IS THE MAIN PURPOSE OF BHAGAVAD GITA ?
शुभ योग
पितृ पक्ष की द्वादशी तिथि पर शुभ योग का निर्माण हो रहा है। शुभ योग का निर्माण दिन भर है। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से व्रती को अमोघ फल की प्राप्ति होती है।
करण
आश्विन माह में द्वादशी तिथि पर शाम 05 बजकर 37 मिनट तक तैतिल करण का निर्माण हो रहा है। इसके पश्चात, गर करण रात्रि भर है। तैतिल और गर करण शुभ कार्यों के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
जानिए किस देवी-देवता के लिए कौन-सा दीपक जलाना है शुभ
रुद्राभिषेक
पितृ पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर संध्याकाल 05 बजकर 37 मिनट तक रुद्राभिषेक कर सकते हैं। इस समय तक भगवान शिव अपने वाहन नंदी पर सवार रहेंगे। इस दौरान रुद्राभिषेक करने से घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है।
पितृ पक्ष में इन चीजों का दान दिलाएगा पाप कर्मों से मुक्ति
शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा को लगाएं इन चीजों का भोग
साल 2023 का आखिरी सूर्य और चंद्र ग्रहण?
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 19 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 17 बजकर 56 मिनट पर
पंचांग
ब्रह्म मुहूर्त – 04 बजकर 40 मिनट से 05 बजकर 30 मिनट तक
अमृत काल – सुबह 04 बजकर 26 मिनट से अगले दिन 06 बजकर 14 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 04 मिनट से 02 बजकर 50 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 56 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 11 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 33 मिनट तक
जानिए 15 दिन ही क्यों चलते हैं पितृ पक्ष
अशुभ समय
राहुकाल – दोपहर 12 बजकर 08 मिनट से 01 बजकर 35 मिनट तक
गुलिक काल – सुबह 10 बजकर 41 मिनट से दोपहर 12 बजकर 08 मिनट तक
दिशा शूल – उत्तर
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘BHOKAALNEWSJAIHINDTIMES’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM , dailymotion और Whatsapp, TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।
डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें।