साइनस से लेकर पीठ दर्द तक, स्लीपिंग पोजीशन का रखें खास-ख्याल
हर किसी को पता है कि अच्छी नींद से हमारा स्वास्थ बढ़ता है और बुरी नींद सेहत के लिए उतनी हानिकारक होती है। आप कितने घंटे सोते है इस ज्यादा इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि आप किस पोजीशन में सोते हैं। सोने की गलत पोजीशन से मांसपेशियों में एंठन, रक्त प्रवाह में गड़बड़ी और चोट भी लग सकती है।
जानते है सोने की सही पोजीशन
बुरी नींद न सिर्फ दर्द का कारण बनती है बल्कि इससे आप ठीक से सो भी नहीं पाते। औसतन 95 प्रतिशत लोग हर रात एक ही पोजीशन में सोते हैं। आज हम आपको सोने की कुछ ऐसी पोजीशन और किस दर्द में कैसे सोना चाहिए उसके बारे में बताने जा रहे हैं, जोकि सेहत के लिए फायदेमंद भी होती हैं। तो चलिए जानते है सोने की सही पोजीशन।
अगर आप एसिड रिफ्लक्स से पीड़ित हैं तो…
अगर आप इस समस्या से परेशान है तो आपको दाईं ओर सोना चाहिए। सोने के 2-3 घंटे पहले किए गए भोजन के कारण हार्ट बर्न की समस्या हो सकती हैं। भोजन नली पेट के बाईं तरफ से जुड़ती है। इसलिए दाईं ओर को सोने से भोजन बहुत प्रभावी ढंग से पाचन नली में पहुंचाता है। अगर आपने देर से खाना खाया है तो सोते समय सिर का हिस्सा कुछ इंच ऊंचा कर देने से इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है। आप सोने के लिए 2 तकियों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। अपने दाईं ओर सोएं, जिसमें बाजू आपके सामने अरामदायक स्थिति में हों। अपने घुटनों को थोड़ा-मोड़ कर अपनी टांगो को शरीर के ऊपरी हिस्से की ओर कर लें।
पीठ दर्द होने पर
अगर आपको पीठ में दर्द या कभी-कभार रहता हो तो एक ओर करवट लेकर सोएं। आज के समय में 40 प्रतिशत लोग रीढ़ संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं। ऐसा गलत पोजीशन में सोने के कारण होता है। इसके लिए आप रीढ़ को प्राकृतिक रूप से कर्ब्स पोजीशन में करके सोएं। अपनी किसी भी पोजीशन को किसी भी साइड को हल्के से घुटने मौड़कर और नितम्बों को वर्टीकल रखते हुए लेटें। एक सख्त तकिया अपने घुटनों के बीच में रख लें ताकि आपकी टागें नितम्बों की चौड़ाई जितनी ऊपर उठें। आपकी बाजू आपकी सामने की ओर हों।
साइनस की समस्या
साइनस की समस्या होने पर सिर को ऊंचा करके एक ओर सोएं। जब भी आपकी नाक बंद हो, एलर्जी, साइनस इंफेक्शन या पुराने जुकाम की समस्या हो, कभी भी पीठ के बल न सोएं। इसकी बजाए अपनी एक ओर को सिर के नीचे 2 तकिए रखकर सोएं ताकि गुरुत्वाकर्षण के कारण नाक खुल सके। इस बात को न भूलें कि जब आपका सिर ऊंचा हो तो आपकी बाजुओं को अतिरिक्त सपोर्ट की जरूरत होगी। इसलिए तकियों को बाजू के बीच में लेकर सोएं। इस स्लीपिंग पोजीशन में आपकी टांगे हल्की-सी मुड़ी होनी चाहिए।
गर्दन कठोर या दर्द होने पर
इस तरह की प्रॉब्लम होने पर पीठ के बल लेटें। सिर के नीचे एक ओर ढलान वाला तकिया न रखें क्योंकि इससे मांसपेशियों में खिचांव पैदा होता है और इससे गर्दन दर्द करने लगती है। गर्दन दर्द में आपको पीठ के बल गर्दन सीधी करके सोना चाहिए। यह आपके लिए फायदेमंद होता है।
कंधो में दर्द
अगर आपके कंधों में दर्द है तो एक साइड को आलिंगन की मुद्रा (किसी को गले लगाकर सोने की मुद्रा) में सोएं। कंधों में दर्द के कई कारण हो सकते हैं लेकिन एक ओर को सोना एक मुख्य कारण है। ज्यादातर लोग अपनी नीचे वाली बाजू को अपने सिर के नीचे दबा कर सोते हैं। इससे कंधों बाजू और हाथ को नियंत्रित करने वाली नाड़ियों के नैटवर्क पर दवाब पड़ता है। इसलिए जिस ओर कंधे में दर्द न हो इस ओर लेटें और अपनी टांगों को हल्का-सा मोड़ लें। नीचे वाल बाजू को अपने सामने की ओर फैला लें। इसके बाद दोनों बाजूओं को अंदर की ओर लाते हुए तकिए को आलिंगन (गले लगाना) करें। अपनी टांगों को आगे की ओर न करें। इसके लिए आप टांगों के बीच तकिया भी रख सकते हैं।
पी.एम.एस (प्री मैन्स्टुअल सिंट्रोम)
प्री मैन्स्टुअल सिंट्रोम से पीड़ित लोगों को पीठ के बल सोना चाहिए। जब आप मूडें तो पेट फूला हुआ महसूस होगा और ऐंठन से पीड़ित हों तो तो टांगों को इकट्ठा करके एक बॉल की तरह या पेट के बल न लेंटे। एक ओर को सोने से आपकी छाती के नाजुक लिगामेंट्स (नाजुक हड्डियों के जोड़) में खिचांव पैदा होगा और पेट के बल सोने से गर्भाश्य पर वजन और दबाव पड़ता है। इस कारण से भी ऐंठन की समस्या हो जाती है। पी.एम.एस के दौरान पीठ के बल सोना बहुत बढ़िया रहता है। अपने घुटनों के नीचे एक तकिया रख लें ताकि आपकी रीढ़ का निचला हिस्सा कमान की तरह सीधा न हो। अपनी बाजूओं को दोनों तरफ न्यूट्रल रखें। हो सके तो घुटनों के नीचे एक तकिया रख लेें।