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#HighCourt : फीस बढोत्तरी के नियमों का पालन नहीं किया तो रद्द होगी मान्यता
JAIHINDTIMES CHANDIGARH
निजी स्कूलों में मनमाने तरीके से फीस बढ़ोतरी को रोकने के लिए दाखिल याचिका का पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की नोटिफिकेशन पर निपटारा कर दिया। इस दौरान केंद्र ने नोटिफिकेशन के बारे में बताते हुए कहा कि यदि किसी शिक्षण संस्थान के खिलाफ शिकायत आती है तो पहली बार में जुर्माना, दूसरी बार दोगुना जुर्माना और तीसरी बार में मान्यता वापिस लेने का प्रावधान रखा गया है।
करने लगते हो विरोध
केस का निपटारा करते हुए हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि जब स्कूल आरंभ करना होता है तो रियायती दरों पर इसे पाने के लिए सबसे आगे रहते हो और जब सरकारी नीति के तहत छात्रों को कोई लाभ जारी करना पड़े तो विरोध करने लगते हो।
संशोधन कर उसे अपनाया गया है
- सरकार से कोई रियायत न लो तो हम भी फीस से जुड़ी कोई पाबंदी नहीं थोपेंगे। मामला प्राईवेट स्कूलों द्वारा मनमाने तरीके से फीस में बढ़ोत्तरी से जुड़ा है जिसे जनहित याचिका के माध्यम से चंडीगढ़ निवासी रितेश पांडेय ने चुनौती दी थी।
- अधिकतम फीस बढोत्तरी की सीमा तय करने को लेकर यूटी प्रशासन द्वारा जो ड्राफ्ट तैयार किया गया था उसे केंद्र सरकार ने मंजूरी दे इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।
- यह जानकारी केंद्र सरकार ने सोमवार को हाईकोर्ट में सौंप दी।
- हाईकोर्ट में जानकारी देते हुए असिस्टैंट सॉलिसिटर जनरल सीनियर एडवोकेट चेतन मित्तल ने बताया कि चंडीगढ़ में भी पंजाब की तर्ज पर अधिकतम ८ प्रतिशत फीस बढोत्तरी के प्रावधान को मंजूरी दे दी गई है। नोटिफिकेशन के अनुसार मनमाने तरीके से फीस बढ़ोतरी करने वाले स्कूलों पर हैवी पैनल्टी का प्रावधान किया गया है।
- इसके लिए शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में एक रेगुलेटरी कमेटी बनाई जाएगी जो शिकायतों का निपटारा करेगी।
- पंजाब सरकार ने निजी स्कूलों द्वारा मनमाने तरीके से फीस बढ़ोतरी पर रोक लगाए जाने के लिए जो पंजाब रेगुलेशन ऑफ फीस ऑफ अनडिड एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन एक्ट-2016 एक्ट लागू किया था उसमें कुछ संशोधन कर उसे अपनाया गया है।
आय-व्यय का ब्यौरा देना होगा वेबसाईट पर
- नोटिफिकेशन के अनुसार शिक्षण संस्थानों को अपनी आय-व्यय का पूरा ब्यौरा तैयार कर इसे वेबसाईट पर डालना होगा।
- शिक्षण संस्थान सत्र के बीच में किसी प्रकार की कोई फीस नहीं बढ़ा सकेंगे।
- इसकेसाथ ही बैलेंसशीट भी अपनी वेबसाईट पर अपलोड़ करनी होगी।
- सबसे अहम यह है कि शिक्षण संस्थान आय से किसी व्यक्ति विशेष या किसी कंपनी को कोई राशि नहीं देगा।
पेनेल्टी की राशि को किया दो गुना
- नोटिफिकेशन के अनुसार नियमों का पालन न करने वाले स्कूलों को पहली बार क्रमश: ६० हजार, १ लाख व दो लाख की पैनल्टी का प्रावधान है।
- दूसरी बार ऐसा करने वाले स्कूलों को क्रमशङ १ लाख २० हजार, २ लाख व ४ लाख जुर्माने का प्रावधान रखा गया है।
- तीसरी बार गलती दोहराने वाले स्कूलों की मान्यता वापिस लेने का अथॉरिटी को अधिकार दिया गया है।
- शिकायतों को छात्र व उनके परिजन शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में रेगुलेटरी कमेटी को सौंपेंगे और इसे ६० दिन में शिकायत का निपटारा करना होगा।
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