Dev Deepawali 2023 : देव दीपावली (Dev Deepawali) 26 नवंबर को है। शास्त्रों में निहित है कि देव दीपावली के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध कर देवताओं को तारकासुर के पुत्रों के आतंक से मुक्त कराया था।
देव दीपावली पर बन रहा है दुर्लभ ‘भद्रावास’ योग
देव दीपावली विशेष रूप से वाराणसी में भव्य तरीके से मनाई जाती है। इस दिन वाराणसी के 84 घाटों को दीपों से रोशन किया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने राक्षस त्रिपुरासुर को हराया था और देवताओं को स्वर्ग वापस लौटाया था, जिसकी खुशी में देवताओं ने इस दिन को देव दीपावली के रूप में मनाया था।
इसलिए स्वास्तिक के साथ लिखा जाता है शुभ-लाभ
इसके अलावा इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा का भी विधान है। ऐसे में अगर इस शुभ पर कुछ उपाय किए जाए, तो वो बेहद कारगर साबित होते हैं, तो चलिए जानते हैं।
देव दीपावली के दिन घर में तुलसी का पौधा लगाएं। भगवान विष्णु की तस्वीर या मूर्ति पर ग्यारह तुलसी के पत्ते बांधें। ऐसा कहा जाता है कि इस उपाय को करने से धन की कभी कमी नहीं होती और पैसों से तिजोरी हमेशा भरी रहती है।
देव दीपावली पर आटे के एक पात्र में ग्यारह तुलसी के पत्ते रखें और उसे अछूता छोड़ दें। कहा जाता है कि यह उपाय घर में सकारात्मक बदलाव लाता है और घर को पवित्र ऊर्जा से भर देता है।
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इस श्राप के कारण भगवान विष्णु ने लिया पत्थर का रूप
देव दीपावली, एकादशी, अनंत चतुर्दशी, देवशयनी, देव उठनी, दिवाली, खरमास, पुरूषोत्तम मास, तीर्थ क्षेत्र और अन्य विशेष अवसर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने के लिए बेहद शुभ माने गए हैं। यह पाठ सभी बाधाओं को दूर करने में मदद करता है।
देव दीपावली पर तुलसी के पौधे के चारों ओर पीला कपड़ा बांधें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से कारोबार में तरक्की और नौकरी में प्रमोशन मिलता है।
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देव दीपावली पर भगवान सत्यनारायण की कथा पढ़ना और सुनना बेहद कल्याणकारी माना गया है। कहा जाता है कि इस दिन यह कथा सुनने से सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख- समृद्धि आती है।
देव दीपावली के शुभ दिन पर गंगा स्नान के बाद दीपक जलाने की सलाह दी जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन दीपक जलाने से दस यज्ञों के बराबर फल मिलता है।
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