चीन में फैले रहस्यमयी निमोनिया (China Pneumonia) का बच्चों पर अटैक जारी हैं। इस बीच केंद्र सरकार से गाइडलाइन मिलने के बाद उत्तर प्रदेश में भी अलर्ट जारी कर दिया हैं। प्रदेश के सभी 75 जिलों के सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध वेंटिलेटर को वर्किंग कंडीशन में रखने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही इन वेंटिलेटर को बच्चों के उपयोग में लाने के लिए जरूरी सपोर्टिव इक्विपमेंट भी दुरुस्त रखने की बात कही गई हैं।
CHINA PNEUMONIA : ADVISORY ISSUED IN INDIA
DHIRENDRA KRISHNA SHASTRI NEWS
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज (GSVM MEDICAL COLLEGE) के सीनियर फिजीशियन डॉ. जेएस कुशवाहा ने बताया कि घबराने की कोई जरूरत नहीं, लेकिन कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है। यह निमोनिया है और बच्चों में अधिक हो रहा है। यह बैक्टिरियल और माइको प्लाजमा का नाम इसको दिया गया और एडिनो वॉयरस से यह हो रहा है। इनसे बचाव करना जरूरी है। मास्क लगाना बेहतर होगा और जिसके निमोनिया है उसके पास जाने से बचें। गर्म पानी पीएं और इम्यूनिटी (Immunity) स्ट्रांग रखें।
सीएमओ (CMO) आलोक रंजन ने बताया कि अलर्ट को लेकर सभी तैयारियां की जा रही हैं। सभी सरकारी अस्पतालों को इस संबंध में आदेश दे दिए गए हैं। अभी शासन की ओर से लेटर नहीं आया है।
75 जिलों के CMO को निर्देश जारी
यूपी की चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक डॉ. दीपा त्यागी कहती हैं कि केंद्र सरकार से अलर्ट जारी होने के बाद प्रदेश के सभी 75 जिलों के CMO को निर्देश जारी किए गए हैं। अस्पतालों में कोई भी SARI यानी सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस के मरीज सामने आते हैं तो उनके नेसल स्वैब लेकर सैंपल लैब भी भेजे जाने हैं। इस प्रक्रिया को डेली बेसिस पर मॉनिटर किया जाएगा। इस दौरान लैब रिजल्ट में कुछ नया और रूटीन से हटकर आउटकम आता हैं तो उसको निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत डील किया जाएगा।
इसके अलावा सभी अस्पतालों में दवा, PPE किट समेत अन्य सभी जरूरी वस्तुओं के पर्याप्त संग्रह की भी बात कही गई हैं। साथ ही PICU-NICU वार्ड के लिए बेड भी तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। मेडिकल कॉलेजों से समन्वय बनाकर जांच कराने के भी निर्देश दिए हैं।इसके अलावा वेंटिलेटर और ICU वार्ड के इक्विपमेंट बच्चों के लिए प्रयोग में लाए जा सके इसके लिए भी सभी जरूरी इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं।
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उन्होंने बताया कि अभी तक कही ऐसा कोई मामला सामने नही आया हैं पर तैयारियां सभी पूरी हैं और इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ट्रेनेड मैनपॉवर और चिकित्सकों की भी तैनाती हैं। विभाग किसी भी आपातकालीन हालातों से निपटने में सक्षम हैं।
यूपी में 20% बच्चों की मौत होती हैं निमोनिया
आकंड़ों की माने तो उत्तर प्रदेश में करीब 20% बच्चे जन्म से 5 साल के भीतर ही निमोनिया की जद में आने के कारण दम तोड़ देते हैं। हालांकि सरकार नियमित टीकाकरण के जरिए, इन मौतों की संख्या को कम करने की बात कह रही हैं पर तमाम प्रयासों के बावजूद अभी भी ये 5 साल के बच्चों की मौत का बड़ा कारण हैं।
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15 दिन बेहद अहम
वही विशेषज्ञ इस रहस्यमयी बीमारी से बच्चों को ज्यादा सतर्क रहने की बात कहते हुए ठंड के इस मौसम में अगले 15 दिन को बेहद अहम बता रहे हैं। साथ ही बचाव के लिए मास्क, सैनिटाइजर के प्रयोग के अलावा भीड़ भाड़ वाली जगह में जाने से भी रोक रहे हैं।