Good Initiative by KANPUR DM VISHAKH JI : अब कैदियों के हाथ का बना खाना आम जनता के लिए मुहैया हो गया है। उत्तर प्रदेश में पहला जेल गेट के बाहर फूड आउटलेट (food outlets) खुला है जिसमें कम रेट में शुद्ध और स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध होगा।
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यहां चाय, समोसा और भरपेट थाली भी मिलेगी। खास बात यह है कि यह खाना जेल में बंद कैदी बनाएंगे और रिहा हुए अपराधी आपकी थाली में परोसकर देंगे। डीएम विशाख जी के इस नई पहल से कैदियों को रोजगार और लोगों को जेल की रोटी बाहर ही मिल जाएगी। इसका उद्घाटन सांसद सत्यदेव पचौरी और मेयर प्रमिला पाण्डेय ने किया। डीएम विशाख जी (DM VISHAKH JI) ने बताया कि जेल के कैदियों द्वारा बनाए गए खाने का स्वाद जनता ले सकेगी, साथ ही रिहा कैदियों को रोजगार भी मिलेगा। KANPUR NEWS
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जेल योग भी काटेगी
जेल योग काटने के लिए लोग जेल की रोटी खाने के लिए रोजाना जेल में जुगाड़ और पैरवी से खाना मंगवाते थे। सिर्फ दो रोटी के लिए सैकड़ों लोग जेल के आसपास चक्कर काटते दिख जाते थे। जेल की रोटी खाने के लिए अब लोगों को जेल के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
70 रुपए में भरपेट थाली
ये जेल के बाहर यूपी का पहला आउटलेट होगा जहां पर यहां 70 रुपए में भरपेट थाली मिलेगी, जिसमें चार रोटी, दाल, सब्जी, चावल, अचार और मिर्च होगी। यह कैंटीन सुबह 9 बजे से शाम सात बजे तक खुलेगी। लंच टाइम 1 से 4 बजे तक रखा गया है। सरकारी विभाग और निजी संस्थानों के लिए पैक्ड फूड (लंच) भी सेम रेट पर मिलेगा। खाना बनाने में आरओ का पानी इस्तेमाल किया जाएगा। जो रिहा बंदी आउटलेट से खाना देंगे, उनमें एक गैर इरादतन हत्या और दूसरा दहेज हत्या का आरोपी था, जो जेल से छूट चुके हैं। इस आउटलेट का खाना बनाने के लिए चार बंदी अलग से नियुक्त किए गए हैं।
बिना चेक किए खाना नहीं जाएगा आउटलेट पर
जेल अधीक्षक डॉ. बीडी पांडेय ने बताया कि आउटलेट की स्थापना बंदी कल्याण एवं पुनर्वास सहकारी समिति संस्था के अंतर्गत की गई है। आउटलेट का खाना गुणवत्तायुक्त हो, इसके लिए जेल प्रशासन ने एक कमेटी बनाई है जो क्वालिटी चेक करेगी। इस टीम में जेल के एक डॉक्टर, जेलर और एक डिप्टी जेलर रहेंगे। क्वालिटी कंट्रोल की जिम्मेदारी इसी टीम की रहेगी।
इस संस्था के प्रवर्तक जेल अधीक्षक रहेंगे। संस्था की कमेटी के अन्य सदस्यों में जेलर, डिप्टी जेलर और जेल के बंदी रहेंगे। इस संस्था के नाम से बैंक में अकाउंट खुलवाया गया है। जो सेल होगी, उसमें लागत और दूसरे खर्चे निकालने के बाद जो भी बचेगा उसे काम करने वाले बंदियों के खाते में डाला जाएगा।
जेल अधीक्षक और डीएम के प्रयास से खुली कैंटीन
जेल अधीक्षक बीडी पांडेय ने बताया कि डीएम विशाख जी के प्रयासों से इस कैंटीन का शुभारंभ हो सका है। दूर-दराज से अपने रिश्तेदारों से जेल में मुलाकात करने वाले परिजन भी इस आउटलेट का फायदा उठा सकेंगे। इस आउटलेट में दो से पांच लोग एक साथ बैठकर चाय पी सकते हैं। चाय-कॉफी खुलने के समय से बंद होने के समय तक और आरओ का पानी उपलब्ध रहेगा।
घर की रसोई की तरह शुद्ध मिलेगा खाना
जेल के अंदर इस आउटलेट के लिए स्पेशल किचेन बनाया गया है, लिहाजा खाना घर की रसोई तक होगा. दूसरे जिलों से अपने केस की सुनवाई में आए लोगों को लंच के लिए कचहरी से दूर जाना पड़ता था, इस आउटलेट के बन जाने से घर की रसोई का स्वाद यहां से पैक्ड थाली में मिलेगा।
ये है आउटलेट का मेन्यू
खाने की पैक्ड थाली : 70 रुपए
समोसा (पत्ते के दोने में) : 10 रुपए पीस
चाय (मिट्टी के कुल्हड़ में) : 10 रुपए प्रति
कॉफी (मग में ) : 20 रुपए प्रति
गुलाब जामुन : 15 रुपए प्रति पीस
ब्रेड पकौड़ा : 10 रुपए प्रति पीस
पराठा : 20 रुपए प्रति पीस
आलू का पराठा : 25 रुपए प्रति पीस
मिक्स वेज पराठा : 40 रुपए प्रति पीस
पड़ी सब्जी : 30 रुपए में 4 पूड़ी सब्जी
राजमा चावल : 50 रुपए प्रति प्लेट
कढ़ी चावल : 50 रुपए प्रति प्लेट
छोला चावल : 50 रुपए प्रति प्लेट
वेज मैगी : 50 रुपए प्रति प्लेट