Hit and Run Case Protest Update : हिट एंड रन कानून (Hit and Run Case) में सजा को सख्त किए जाने के विरोध में वाहन चालकों की हड़ताल का आज दूसरा दिन है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड समेत कई राज्यों में हड़ताल का असर दिखाई दे रहा है। Hit and Run Case Protest Update
कानपुर में ऑटो, टेंपों ड्राइवरों की हड़ताल, हाईवे किया जाम
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यूपी राज्य परिवहन बस चालकों ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नए कानून के खिलाफ हड़ताल की। छत्तीसगढ़ के रायपुर में ट्रक ड्राइवरों ने हिट-एंड-रन कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सुबह से ही पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें देखने को मिली। Hit and Run Case Protest Update
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ड्राइवरों ने इसे बताया काला कानून
केंद्र सरकार हिट एंड रन के नए कानून के विरोध में वेस्ट यूपी के ज्यादातर जिलों में नए साल के पहले दिन जगह-जगह ट्रक ड्राइवरों ने चक्का जाम किया। साथ ही रोडवेज बस, ट्रकों समेत प्राइवेट बसों के ड्राइवर और कंडक्टर हड़ताल पर चले गए। दूसरे कमर्शल ड्राइवरों का भी उनको साथ मिला। ड्राइवरों ने इसे काला कानून बताया और वापस लेने की मांग की।
जानबूझकर नहीं करता हादसे
ड्राइवरों का कहना था कि कोई भी जानबूझकर हादसे नहीं करता। कानून के विरोध में रोडवेज बसों का संचालन भी बंद कराया गया। इससे यात्रियों को काफी परेशानी हुई।
मेरठ में खासा असर
मेरठ में हड़ताल ने काफी प्रभाव डाला। रोडवेज के मेरठ परिक्षेत्र के प्रभारी रिजनल मैनेजर लोकेश राजपूत ने बताया कि ट्रक चालकों ने बसों को सोहराब बस स्टैंड, भैंसाली बस डिपो और मेरठ बस डिपो से बाहर नहीं निकालने दिया है। उसने समझाने पर भी नहीं माने। उनका कहना था कि आसपास के जिलों में भी ऐसा ही हुआ। इससे परिवहन प्रणाली पूरी तरह से बिगड़ गई। यहां लोगों को डग्गामार, निजी वाहनों और लिफ्ट की मांग करनी पड़ी। बताया गया कि इस दौरान प्राइवेट गाड़ियों ने लोगों से बहुत अधिक किराया वसूला।
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सजा होने पर परिवार कैसे चलेगा
सहारनपुर के देवबंद में भी गंगोह रुड़की रूट की सभी प्राइवेट बसों का संचालन बंद रहा। चालकों का कहना है कि इस कानून के चलते बसों को चलाना नामुमकिन है। हादसा होने पर ड्राइवरों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है। उनका कहना है कि वह गरीब हैं। ज्यादा सजा होने पर वह अपना परिवार नहीं चला सकते हैं। सहारनपुर के गंगोह रुड़की रोड पर हड़ताल के चलते बसों का चक्का जाम रहा। यात्री परेशान रहे।
पेट्रोल पंप पर लगी कतारें
महाराष्ट्र के नागपुर में वाहनों चालकों की हड़ताल का दूसरे दिन असर दिखाई दे रहा है। सुबह से ही पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं।
भोपाल में दिखा हड़ताल का असर
मध्य प्रदेश के कई जिलों में वाहन चालकों की हड़ताल देखने को मिली। आज मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्कूल वाहन और कॉलेज नहीं चले, जिससे विद्यार्थियों और शिक्षकों को कठिनाई हुई। ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल से भोपाल में कई पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें लग गई हैं।
महाराष्ट्र सरकार ने पुलिस को दिया निर्देश
महाराष्ट्र सरकार ने वाहन चालकों की हड़ताल को देखते हुए पुलिस को आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है। महाराष्ट्र सरकार ने पुलिस को निर्देश दिया है कि वे डीजल, पेट्रोल और एलपीजी सिलेंडर की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
सुबह से हिमाचल प्रदेश में भी हड़ताल का असर दिखाई दे रहा है। ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन Transport Association की हड़ताल से धर्मशाला में पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें लगी हुई हैं।
क्या है कानून?
बता दें कि नए कानून के तहत टक्कर मारकर भागने और दुर्घटना की सूचना न देने पर चालकों को 10 साल तक की जेल की सजा और जुर्माने का प्रविधान किया गया है। पहले आईपीसी की धारा 304ए (लापरवाही से मौत) के तहत आरोपित को केवल दो साल तक की जेल हो सकती थी।