Aarti ke Niyam : अपनी पूजा को सफल बनाने के लिए कई नियमों का पालन करना चाहिए। आरती भी पूजा का एक महत्वपूर्ण भाग है। इसके बिना कोई भी पूजा पूरी नहीं होती और व्यक्ति को पूजा का पूरा लाभ नहीं मिलता। आरती के दौरान बहुत से लोग अनजाने में गलतियाँ करते हैं। अब आइए जानते हैं आरती करने का सही तरीका। Aarti ke Niyam
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ये है सही तरीका
हमेशा अपने आराध्य की आरती एक ही स्थान पर खड़े होकर करनी चाहिए। आरती करते समय झुक जाएं। आरती उतारते समय भगवान को चार बार चरणों में, दो बार नाभि पर, एक बार मुखमण्डल पर और सात बार सभी अंगों पर घूमाना चाहिए। इस प्रकार आरती करने से चौदह भुवन जो भगवान में समाहित हैं, उन तक आपका प्रणाम पहुंचता है और आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। Aarti Vidhi
कैसी होनी चाहिए आरती की थाली
तांबे, पीतल या चांदी की थाली आरती के लिए अच्छी मानी जाती है। भगवान की आरती से पहले आरती की थाली में गंगा जल, कुमकुम, चावल, चंदन, फूल और भोग के लिए फल या मिठाई रखना अनिवार्य है। आरती के दौरान चांदी या पीतल का दीपक इस्तेमाल करना सर्वोत्तम माना जाता है। मिट्टी का दीया या आटे का दीया भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
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इन बातों का रखें ध्यान
स्कंद पुराण में बताया गया है कि पूजा-पाठ में गाय के दूध से बने घी का इस्तेमाल करना चाहिए। यही कारण है कि भगवान की आरती करते समय केवल घी का दीपक जलाना चाहिए। बत्ती को आरती में सरसों के तेल में भीगी मौली से भी प्रयोग कर सकते हैं अगर आप चाहें। इसके अलावा कपूर से भी भगवान की आरती उतारी जा सकती है। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा घर से दूर बनी रहती है।
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