Ayodhya Ram Mandir Inauguration : रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा से पहले वैध पूजा की तैयारी हो रही है। उनके विग्रह की जीवन कारक द्रव्यों के अलावा शैय्या अधिवास की विशेष योजना है। इस दौरान रामलला को शीशम के पलंग पर शयन कराया जाएगा।Ayodhya Ram Mandir Inauguration
इस पलंग को अयोध्या में ही ट्रस्ट ने बनाया है। भगवान के लिए चादर, तकिया, गद्दा और रजाई भी खरीदे गए हैं। कपड़े भी तैयार हैं। इस प्रवास के दौरान, कुश से भगवान के हृदय को स्पर्श करने, न्यास वाचन करने और आवश्यक पूजन करने की प्रक्रिया संपन्न होगी। सुबह उन्हें पूरी तरह से जागृत करके सिंहासन पर प्रतिष्ठित किया जाएगा। शैय्या अधिवास 21 जनवरी को रात्रि में होगा। Ayodhya Ram Mandir Inauguration
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16 जनवरी से 22 तक ऐसा रहेगा कार्यक्रम
16 जनवरी से पूजन की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी
17 जनवरी को श्रीविग्रह का परिसर भ्रमण कराया जाएगा तथा गर्भगृह का शुद्धिकरण होगा।
18 जनवरी से अधिवास प्रारंभ होगा। दोनों समय जलाधिवास, सुगंध और गंधाधिवास भी होगा।
19 जनवरी को प्रातः फल अधिवास और धान्य अधिवास होगा।
20 जनवरी को सुबह पुष्प और रत्न व शाम को घृत अधिवास होगा।
21 जनवरी को प्रात: शर्करा, मिष्ठान और मधु अधिवास व औषधि और शैय्या अधिवास होगा।
22 जनवरी को मध्य दिवस में रामलला के विग्रह की आंखों से पट्टी हटायी जाएगी और उन्हें दर्पण दिखाया जाएगा।
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वाराणसी से आए वैदिक आचार्य कराएंगे पूजन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM MODI) की उपस्थिति में 22 को प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन किया जाएगा। वाराणसी से आए वैदिक आचार्यों के अनुसार सिंहासन (आसन) पर पहले कूर्म शिला व स्वर्ण से निर्मित कच्छप़़, ब्रहा शिला का भी अधिवास होता है। तीन पिंडियाँ भी रखी जाएंगी। आचार्यों के अनुसार इसके अलावा भगवान के आसन के ठीक नीचे श्रीराम यंत्र की प्रतिष्ठा की जाएगी।
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ये संपन्न कराएंगे अनुष्ठान
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता और धर्माचार्य संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्राविड़, प्रमुख आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित, अरुण दीक्षित, सुनील दीक्षित, दत्तात्रेय नारायण रटाटे, गजानन जोतकर और अनुपम दीक्षित सहित अन्य लोगों द्वारा संपन्न किए जाएंगे। इसमें भी 11 यजमान होंगे।
रामलला के आसन का होगा पूजन
रामलला के आसन भी पूजे जाएंगे। आसन के नीचे 45 द्रव्य होंगे। नौ रत्नों में गोमेद, पारा, सप्त धान्य, लहसुनिया, पुखराज, मोती माणिक्य और हीरा शामिल हैं। नवीन विग्रह को इसके बाद आसन पर प्रतिष्ठित किया जाएगा। गोघृत और शहद के मिश्रण से बना एक स्वर्ण शलाका भगवान के नेत्रों को उन्मीलित किए जाएंगे। भगवान को दर्पण दिखाया जाएगा।
प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम जारी
सोमवार को विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि भगवान राम की प्रतिमा सिर्फ परिसर भ्रमण ही करेगी। सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकालने वाले आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ अचानक रामनगरी पहुंचे। उन्होंने रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय से मुलाकात की और राम मंदिर का पूजन स्थल भी देखा। प्राण प्रतिष्ठा के लिए आए आचार्यों से भेंट की और उनके निवास स्थल को भी देखा।
प्राण प्रतिष्ठा पूजन का क्रम भी हुआ स्पष्ट
14 या 15 जनवरी को आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ का अयोध्या आगमन पहले योजनाबद्ध था, लेकिन सोमवार को वह अचानक रामनगरी पहुंच गए। दूसरी ओर, विहिप ने सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा पूजन का क्रम भी बताया है. पूजन कर्मकुटी अनुष्ठान से शुरू होगा, जिस स्थान पर प्रतिमा बनाई गई है। प्रतिमा बनाने वाले शिल्पी प्रायश्चित की पूजा करेंगे।