Pongal 2024 : तमिल नववर्ष का पर्व पोंगल (Pongal 2024) है। यह चार दिवसीय पर्व रोजाना अलग-अलग भगवानों की पूजा करने के लिए समर्पित है। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश को उत्तर भारतीय राज्यों में मकर संक्रांति (Makar Sankranti) और लोहड़ी (Lohri) के नाम से मनाया जाता है, तो वहीं दक्षिण भारत में सूर्य के उत्तरायण होने पर पोंगल का उत्सव मनाया जाता है। पोंगल का पर्व, मकर संक्रांति और लोहड़ी की तरह, फसल काटने के बाद भगवान को धन्यवाद देने के लिए मनाया जाता है। Pongal 2024
PM मोदी ने शुरू किया 11 दिन का अनुष्ठान
अयोध्या में 22 जनवरी को उतरेंगे 100 चार्टर्ड विमान
जानें इसके चारों दिनों का महत्व
पहला दिन
तमिल पंचांग के अनुसार, पोंगल पर्व सोमवार, 15 जनवरी 2024 से शुरू होगा। पोंगल का पहला दिन भोगी पोंगल के रूप में मनाया जाता है। इस दिन वर्षा देवता इंद्र की पूजा की जाती है। इससे इंद्र देव के प्रति आभार प्रकट किया जाता है। Pongal 2024
सबसे महत्वपूर्ण दिन
चार दिनों के उत्सव का दूसरा दिन यानी थाई पोंगल सबसे महत्वपूर्ण है। सूर्य देवता को इस दिन पूजा जाता है। सूर्य देव को इस दिन आभार प्रकट करने के लिए उन्हें खीर का भोग लगाया जाता है।
क्या है ‘प्राण प्रतिष्ठा’ शब्द का मतलब? कैसे आते हैं प्राण
मकर संक्रांति पर बनने वाली खिचड़ी है गुणों का भंडार, जानें…
इस दिन होती है पशुओं के पूजा
माट्टु पोंगल थाई पोंगल के अगले दिन यानी तीसरे दिन होता है। माट्टु पोंगल के दिन कृषि में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले पशुओं, जैसे गाय और बैल, की पूजा की जाती है। इस दौरान इन पशुओं को सजाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन बैलों की दौड़ भी कराई जाती है, जिसे जलीकट्टू के नाम से भी जाना जाता है।
पोंगल का आखिरी दिन
पोंगल के अंतिम दिन को कन्या पोंगल कहा जाता है। इस दिन को तिरुवल्लूर भी कहते हैं। कन्या पोंगल पारिवारिक मिलन है। इस दिन घर फूलों और पत्तों से सजाया जाता है और आंगन और मुख्य द्वार पर रंगोली लगाई जाती है। अंत में, सभी एक दूसरे को पोंगल की बधाई देते हैं और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
जानिए घर में उल्लू की मूर्ति रखने के क्या मिलते हैं परिणाम
मकर संक्रांति पर कर लें कोई 1 उपाय
डिसक्लेमर: ‘इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें।