Mauni Amavasya 2024 : सनातन धर्म में मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन साधक मौन व्रत रख भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। इस मौके पर लोग गंगा, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, सरस्वती और नर्मदा नदी में स्नान करते हैं। Mauni Amavasya 2024
धर्मशास्त्रों में मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) की महिमा का बखान विस्तार पूर्वक किया गया है। माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन स्नान-ध्यान कर भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को सौ यज्ञों के समान लाभ मिलता है। साथ ही देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। अतः साधक मौनी अमावस्या पर स्नान-ध्यान कर श्रद्धा भाव से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं।आइए, शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि का पता लगाते हैं- Mauni Amavasya 2024
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शुभ मुहूर्त
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, माघ अमावस्या 9 फरवरी को सुबह 8 बजकर 02 मिनट पर शुरू होगी और 10 जनवरी को ब्रह्म बेला, यानी सुबह 4 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि से गणना होती है। इसके लिए 9 फरवरी को मौनी अमावस्या होगी। Mauni Amavasya 2024
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शुभ योग
मौनी अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। सुबह 7 बजकर 5 मिनट से योग बनाया जाता है, जो देर रात 11 बजकर 29 मिनट तक है। प्रातःकाल में साधक स्नान-ध्यान, पूजा, जप-तप और दान कर सकते हैं। किसी कारणवश प्रातः बेला में पूजा-पाठ नहीं कर पाते हैं, तो दोपहर के समय में भी स्नान-दान कर सकते हैं।
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पूजा विधि
मौनी अमावस्या के दिन उठकर भगवान विष्णु को प्रणाम करें। अब उनको मन ही मन प्रणाम करें। मौनी अमावस्या पर बोलना वर्जित है। इसलिए मौन व्रत धारण करो। दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। अगर यह आपके लिए सुविधाजनक है, तो गंगा में स्नान करें। इस समय बहती जलधारा में काले तिल प्रवाहित करें। अब सर्वप्रथम भगवान भास्कर को अर्घ्य दें। इसके पश्चात दक्षिण दिशा में मुख कर पितरों को जल का अर्घ्य दें। इस दिन पीपल के पेड़ में भी जल का अर्घ्य दें। तत्पश्चात, भगवान विष्णु की पूजा विधि-विधान से करें। इस समय विष्णु चालीसा का पाठ और मंत्र जाप करें। पूजा के अंत में आरती-अर्चना कर सुख-समृद्धि और आय में वृद्धि की कामना करें। पूजा-पाठ, दान-पुण्य करने के पश्चात मौन व्रत खोलें।
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