UTTAR PRADESH NEWS : कानपुर विकास प्राधिकरण (KDA) में सुपरवाइजर के पद पर तैनात रहे राम सिंह चौहान को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष न्यायाधीश शालिनी सागर ने पांच वर्ष के कठोर कारावास व 50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा से दंडित किया है। उस पर कार्य करने के दौरान 18 साल में वेतन के सापेक्ष साढ़े तीन गुना संपत्ति अर्जित कर आय से अधिक संपत्ति कमाने का आरोप साबित हुआ है। UTTAR PRADESH NEWS
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अदालत को अभियोजन की ओर से बताया गया कि आरोपी राम सिंह चौहान कानपुर विकास प्राधिकरण में सुपरवाइजर के पद पर तैनात था। इसी दौरान वर्ष 2000 में उसके द्वारा भ्रष्टाचार से संपत्ति अर्जित करने की शिकायत शासन से की गई थी, जिस पर शासन ने 29 अगस्त 2000 को आरोपी के विरुद्ध जांच का आदेश दिया था। भ्रष्टाचार निवारण संगठन के इंस्पेक्टर प्रहलाद सिंह चौहान ने आरोपी के विरुद्ध 6 फरवरी 1980 से 31 दिसंबर 1998 तक की अवधि की जांच शुरू की।
जांच के दौरान पाया गया कि आरोपी ने पीएफ, नगदी व अन्य स्रोतों से कुल 4,11,725 रुपए प्राप्त किए थे जबकि विभिन्न संपत्तियों को अर्जित करने एवं अन्य मदों में उसके द्वारा 14,35,146 रुपए अर्जित किए गए। जांच के दौरान पता चला कि अभियुक्त ने भ्रष्टाचार से 10 लाख 23 हजार 421 रुपये अधिक अर्जित किए जिसका वह कोई जवाब नहीं दे पाया। प्राथमिक जांच में आरोप सही पाए जाने पर आरोपी के विरुद्ध कानपुर के गोविंद नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।
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