Gyanvapi Case : बुधवार को वाराणसी जिला कोर्ट (District Court) ने ज्ञानवापी (Gyanvapi) के व्यास जी तहखाने में पूजा करने की अनुमति दी है। 1993 से इस तहखाने में पूजा-पाठ बंद था। यानी 31 वर्ष बाद यहां पूजा-पाठ की इजाजत दी गई है। कोर्ट ने कहा कि पुजारी का नाम काशी-विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट बोर्ड चुनेगा। वाराणसी के DM 7 दिन के अंदर पूजा-पाठ के लिए जरूरी इंतजाम करेंगे। Gyanvapi Case
कानपुर नगर निगम में BJP पार्षदों का हंगामा
हाईकोर्ट पहुंचा चंडीगढ़ मेयर विवाद
तहखाने के पारंपरिक पुजारी रहे व्यास परिवार ने याचिका दाखिल कर पूजा-पाठ की इजाजत मांगी थी। कोर्ट ने 17 जनवरी को तहखाने का जिम्मा DM को सौंप दिया था। कोर्ट के आदेश पर DM ने मुस्लिम पक्ष से तहखाने की चाबी ले ली थी। DM की मौजूदगी में 7 दिन बाद यानी 24 जनवरी को तहखाने का ताला खोला गया था।
वाराणसी कोर्ट ने 4 महीने में फैसला सुनाया
ज्ञानवापी (Gyanvapi) में बने व्यास जी तहखाने में 1993 से पहले सोमनाथ व्यास पूजा-पाठ किया करते थे। 2020 में उनका निधन हो गया। इसके बाद उनकी बेटी उषा रानी के बेटे शैलेंद्र व्यास ने कोर्ट में याचिका दाखिल करके पूजा का अधिकार मांगा था। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट में मंगलवार को इस मामले में बहस पूरी हुई और बुधवार को फैसला आया। यानी वाराणसी कोर्ट ने करीब 4 महीने बाद में याचिका पर फैसला सुना दिया।
SAMAJWADI PARTY LOK SABHA ELECTIONS 2024 CANDIDATE
यूपी में एक साथ 84 IPS अफसरों का ट्रांसफर
डीएम विशाख जी ने विकास को दी रफ्तार
DM VISHAKH JI को अलीगढ़ का डीएम बनाया