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भगवद्गीता में कहा गया है, श्री कृष्ण समस्त पदार्थों के बीज हैं। चर तथा अचर जीव के कई प्रकार हैं। पक्षी, पशु, मनुष्य तथा अन्य सजीव प्राणी चर हैं, पेड़-पौधे अचर हैं- वे चल नहीं सकते, केवल खड़े रहते हैं। प्रत्येक जीव चौरासी लाख योनियों के अंतर्गत हैं, जिनमें से कुछ चर हैं और कुछ अचर किन्तु इन सबके जीवन के बीजस्वरूप श्री कृष्ण हैं। जैसा कि वैदिक साहित्य में कहा गया है कि ब्रह्म या परमसत्य वह है जिससे प्रत्येक वस्तु उद्भूत है।
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श्री कृष्ण परब्रह्म या परमात्मा हैं। ब्रह्म तो निर्विशेष है किन्तु परब्रह्म साकार है। निर्विशेष ब्रह्म अपने साकार रूप में स्थित हैं। अत: आदि रूप में श्री कृष्ण समस्त वस्तुओं के उद्गम हैं। वह मूल हैं। जिस प्रकार मूल सारे वृक्ष का पालन करता है उसी प्रकार कृष्ण मूल होने के कारण इस जगत के समस्त प्राणियों का पालन करते हैं।
ज्येष्ठ का मलमास चल रहा है, जिसका विश्राम 13 जून को होगा। इस महीने को भगवान श्री हरि विष्णु ने अपना नाम दिया है पुरुषोत्तम इसलिए एक महीने तक श्रीकृष्ण की पूजा का बहुत महत्व है।
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यदि आप विधि-विधान से पूजन नहीं कर सकते तो श्रीकृष्ण के 51 नामों का जाप, देगा बड़ा लाभ
आदिदेव- देवताओं के स्वामी
अदित्या- देवी अदिति के पुत्र
अनिरुद्धा- जिनका अवरोध न किया जा सके
अपराजित- जिन्हें हराया न जा सके
बाल गोपाल- भगवान कृष्ण का बाल रूप
बलि- सर्वशक्तिमान
चतुर्भुज- चार भुजाओं वाले प्रभु
दयालु- करुणा के भंडार
दयानिधि- सब पर दया करने वाले
देवाधिदेव- देवों के देव
देवकीनंदन- देवकी के लाल (पुत्र)
देवेश- ईश्वरों के भी ईश्वर
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द्वारकाधीश- द्वारका के अधिपति
गोपाल- ग्वालों के साथ खेलने वाले
गोपालप्रिया- ग्वालों के प्रिय
गोविंदा- गाय, प्रकृति, भूमि को चाहने वाले
हरि- प्रकृति के देवता
जगदीश- सभी के रक्षक
जगन्नाथ- ब्रह्मांड के ईश्वर
कमलनाथ- देवी लक्ष्मी के प्रभु
कमलनयन- जिनके कमल के समान नेत्र हैं
कंजलोचन- जिनके कमल के समान नेत्र हैं
कृष्ण- सांवले रंग वाले
लक्ष्मीकांत- देवी लक्ष्मी के देवता
लोकाध्यक्ष- तीनों लोक के स्वामी
मदन- प्रेम के प्रतीक
माधव- ज्ञान के भंडार
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SAWAN SOMWAR VRAT DIET
मधुसूदन- मधु-दानवों का वध करने वाले
मनमोहन- सबका मन मोह लेने वाले
मनोहर- बहुत ही सुंदर रूप-रंग वाले
मयूर- मुकुट पर मोरपंख धारण करने वाले
मोहन- सभी को आकर्षित करने वाले
मुरलीधर- मुरली धारण करने वाले
मुरली मनोहर- मुरली बजाकर मोहने वाले
नंदगोपाल- नंद बाबा के पुत्र
नारायन- सबको शरण में लेने वाले
पद्महस्ता- जिनके कमल की तरह हाथ हैं
पार्थसारथी- अर्जुन के सारथी
रविलोचन- सूर्य जिनका नेत्र है
सनातन- जिनका कभी अंत न हो
सर्वपालक- सभी का पालन करने वाले
सर्वेश्वर- समस्त देवों से ऊंचे
श्रेष्ठ- महान
श्रीकांत- अद्भुत सौंदर्य के स्वामी
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श्याम- जिनका रंग सांवला हो
श्यामसुंदर- सांवले रंग में भी सुंदर दिखने वाले
सुदर्शन- रूपवान
सुरेशम- सभी जीव-जंतुओं के देव
त्रिविक्रमा- तीनों लोकों के विजेता
उपेन्द्र- इन्द्र के भाई
विष्णु- भगवान विष्णु के स्वरूप
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