Glaucoma Awareness Rally : आंखों की गंभीर बीमारी काला मोतिया यानी ग्लूकोमा (Glaucoma) अब बड़ी संख्या में लोगों को अपना शिकार बना रही है। आजकल यह बीमारी उम्रदराज ही नहीं, बल्कि कम उम्र के युवाओं में भी देखने को मिल रही है। इसके लिए जरूरी है कि सभी को जागरूक रहना होगा। Glaucoma Awareness Rally
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यह बातें कानपुर मेडिकल कॉलेज की नेत्र रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शालिनी मोहन (Dr. Shalini Mohan) ने गुरुवार को जागरूकता रैली के दौरान कहीं। रैली को मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। Glaucoma Awareness Rally
इस बीमारी को लेकर लोगों में जागरूकता कम
डॉ. शालिनी मोहन ने कहा कि इस बीमारी को लेकर लोगों के बीच जागरूकता कम है। ऐसे में लोगों में जागरूकता लाने के लिए हर साल 12 मार्च को World Glaucoma Day और 10 से16 मार्च को वर्ल्ड ग्लूकोमा सप्ताह मनाया जाता है। विश्व ग्लूकोमा सप्ताह के अवसर पर ग्लूकोमा की जागरूकता जगाने के क्रम में आज नेत्र विभाग, GSVM मेडिकल कॉलेज, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कानपुर तथा कानपुर ऑफथेलमिक सोसाइटी के तत्वावधान में एक ग्लूकोमा जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। इस मौके पर डॉ. सोनिया दमेले, डॉ. पारुल सिंह, डॉ. रुचिका अग्रवाल आदि लोग मौजूद रहें।
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सावधान रहने की आवश्यकता
इस अवसर पर IMA की अध्यक्ष डॉ. नंदिनी रस्तोगी ने कहा कि हम सभी को बड़ी से बड़ी संख्या में आगे बढ़ के आना चाहिए और ग्लूकोमा जो कि अंधता का एक मुख्य कारण बनता जा रहा है, उसके बचाव के लिए सभी को सावधान रहने की आवश्यकता है। इसके लिए जरूरी है कि नियमित जाँच जरूर कराएं।
डॉ. कुणाल सहाय ने कहा कि ग्लूकोमा (Glaucoma) जैनेटिक बीमारी भी होती है। इसलिए यदि परिवार के किसी व्यक्ति को है तो आप भी जरूर जांच कराएं। इसके आलावा आंखों में किसी प्रकार की चोट लगी हो या एस्ट्रोरॉयड का सेवन करते हो तो ऐसे में भी ग्लूकोमा होना का खतरा ज्यादा रहता है।