Khatu Shyam Ji : राजस्थान के सीकर जिले में खाटू श्याम जी का मंदिर (Khatu Shyam Mandir) है। तीन बाण धारी, हारे का सहारा और लख्तादार खाटू श्याम जी के नाम हैं। उन्हें भगवान कृष्ण का कलयुगी अवतार भी कहा जाता है। असल में खाटू श्याम भीम के पौत्र और घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक हैं। Khatu Shyam Ji
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बाबा खाटू श्याम की आरती के दौरान वे विशेष रूप से सजाए जाते हैं। इस शृंगार में सुगंधित गुलाब के फूलों और इत्र का उपयोग किया जाता है, इसलिए बाबा श्याम का घर भी सुगंधित रहता है। इसके पीछे एक बड़ा ही खास कारण मिलता है, ऐसे में आइए जानते हैं वह कारण।
इसलिए चढ़ता है इत्र
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब बाबा खाटू श्याम अर्थात बर्बरीक छोटे थे, तब उनके जन्म स्थान के पास एक ऐसी नगरी थी जहां बहुत से गुलाब के पौधे थे। बर्बरीक जी अपना अधिकतर समय वहीं बिताना पसंद करते थे। साथ ही उन्हें को गुलाबों के साथ खेलना बहुत पसंद था। तभी से गुलाब उनके प्रिय फूल बन गए। इसलिए खाटूश्याम जी को उनके प्रिय गुलाब के फूल या फिर गुलाबों से बना इत्र चढ़ाने की परंपरा शुरू हो गई।
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यह भी है कारण
खाटू श्याम जी पर गुलाब या फिर गुलाब का इत्र चढ़ाने का अन्य कारण यह भी माना जाता है कि हिंदू धर्म में गुलाब को प्रेम का प्रतीक के रूप में देखा जाता है। ऐसे में जब भक्तगण बाबा श्याम जी को गुलाब का फूल, माला या इत्र अर्पित करते हैं, तब यह भक्त और भगवान के बीच के प्रेम और अटूट विश्वास को दर्शाता है।
मिलता हैं ये लाभ
माना जाता है कि जो भक्त खाटू श्याम जी को सच्चे मन से गुलाब अर्पित करते हैं, बाबा उस भक्तों की सभी गलतियां माफी करते हैं। साथ ही उसकी सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। यह भी माना जाता है कि खाटू श्याम के मंदिर से इत्र लेकर आने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।
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ये चीजें भी की जाती हैं अर्पित
बाबा खाटू श्याम को गुलाब और इत्र के साथ-साथ खिलौने भी चढ़ाए जाते हैं। जिसके साथ यह मान्यता जुड़ी हुई है कि यदि कोई निसंतान दंपती खाटू श्याम जी को खिलौने, बांसुरी, और मोर छड़ी चढ़ाकर गोद भरने के लिए मन्नत मांगते हैं, तो उसकी यह मुराद पूरी हो जाती है। इसके साथ ही नारियल बांधकर भी अपने परिवार के लिए सुख-समृद्धि की कामना की जाती है।
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