J.K. CANCER INSTITUTE KANPUR : जेके कैंसर इंस्टीट्यूट (J.K. CANCER INSTITUTE) में कम असर वाले ऑलक्लेव 1.5 ग्राम के इन्जेक्शन संक्रमित मरीजों को लगा दिए गए। यह एंटीबायोटिक शरीर को बैक्टीरिया के कारण होने वाले संक्रमणों से लड़ने में मदद करती है। हॉस्पिटल ने हेल्थ बॉयोटैक से 6000 इंजैक्शन टेंडर से खरीदे थे, अब करीब 2500 इंजैक्शन बचे हुए हैं। J.K. CANCER KANPUR
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19 जनवरी को औषधि विभाग की टीम ने हॉस्पिटल में निरीक्षण के दौरान 38 सैंपल लिए थे। इनमे से 25 की रिपोर्ट विभाग के पास आई है, इसमें एक इंजैक्शन जांच में फेल मिला है। ड्रैग इंस्पैक्टर ओमपाल सिंह ने बताया कि जेके कैंसर इंस्टीट्यूट से लिए नमूनों में एक फेल की रिपोर्ट आई है। इंजैक्शन बनाने वाली कंपनी को नोटिस भेजकर इस संबंध में जानकारी लेने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।
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संक्रमित मरीजों को ऑलक्लेव 1.5 ग्राम इंजैक्शन एंटीबॉयोटिक में दी जाती है। इससे संक्रमण से राहत मिलती है। जेके कैंसर इंस्टीट्यूट में मरीजों को अधोमानक ऑलक्लेव इंजैक्शन लगा दिया गया। 2023 में टेंडर के जरिए हिमाचल प्रदेश के सोलन बद्दी स्थित हेल्थ बायोटेक कंपनी ने हॉस्पिटल को 6000 इंजैक्शन बेचे थे। इसके बाद यह इंजैक्शन मरीजों को लगाए जाने लगे।
जनवरी 2024 में औषधि विभाग की टीम ने हॉस्पिटल स्थित मेडिकल स्टोर का निरीक्षण किया। यहां से दवाओं और इंजैक्शन के 38 नमूने लिए गए। इनको जांच के लिए लैब में भेजा गया। अब इन नमूनों में 25 की जांच रिपोर्ट विभाग के पास आ गई है। इनमें से ऑलक्लेव 1.5 ग्राम का इंजैक्शन जांच में अधोमानक निकला है। मानक के अनुसार 90 से 107 प्रतिशत होना चाहिए, वह 82 प्रतिशत निकला है। मरीज को इंजेक्शन लगाने का फायद कम होगा। मतलब संक्रमण से जूझ रहे मरीजों को जल्द लाभ नहीं मिलेगा।
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