Varuthini Ekadashi 2024 : इस दिन भगवान विष्णु संग धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही एकादशी व्रत (Ekadashi 2024) रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से जातक द्वारा जन्म-जन्मांतर में किए गए सारे पाप कट जाते हैं। Varuthini Ekadashi 2024
मई महीने के व्रत और त्योहारों की पूरी लिस्ट, यहां देखें
ज्योतिषियों की मानें तो वरुथिनी एकादशी पर शिववास समेत सात शुभ संयोग बन रहे हैं। इन योग में भगवान विष्णु एवं मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक के सभी बिगड़े काम बन जाएंगे। आइए, शुभ योग एवं मुहूर्त जानते हैं-
KALASHTAMI 2024 : कब है कालाष्टमी, जानिए…
वैशाख अमावस्या पर करें मां गंगा की विशेष पूजा
योग
वरुथिनी एकादशी 04 मई को है। इस दिन शिववास का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस दिन शिववास शाम 08 बजकर 38 मिनट तक है। इस समय में भगवान शिव अपने निवास स्थान कैलाश में रहेंगे। इसके पश्चात, नंदी पर सवार होंगे। भगवान शिव के कैलाश पर रहने के दौरान महादेव का अभिषेक करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं।
वरुथिनी एकादशी के दिन त्रिपुष्कर योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण संध्याकाल 08 बजकर 38 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 07 मिनट तक है। इस समय में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। साथ ही इंद्र योग का भी संयोग बन रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 11 बजकर 04 मिनट तक है।
करण
वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर सबसे पहले बव करण का योग बन रहा है। इसके बाद बालव और कौलव करण के योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा-उपासना करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होगी।
नक्षत्र
ज्योतिषियों की मानें तो वरुथिनी एकादशी पर पूर्व भाद्रपद और उत्तर भाद्रपद नक्षत्र के संयोग बन रहे हैं। पूर्व भाद्रपद नक्षत्र रात 10 बजकर 07 मिनट तक है। ज्योतिष पूर्व भाद्रपद और उत्तर भाद्रपद दोनों नक्षत्र को शुभ मानते हैं। इन योग में शुभ कार्य कर सकते हैं।
हाई कोलेस्ट्रॉल और वजन घटाने में भी फायदेमंद है ओट्स का पानी
सुप्रीम कोर्ट से EVM को हरी झंडी
दवा के सैंपलों की जांच में लापरवाही
CYBER FRAUD : साइबर फ्रॉड का नया तरीका
डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें।