Satyam Shivam Sundaram : हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में शोमैन राज कपूर ने कुछ बेहतरीन फिल्में दी हैं। वह हमेशा अपनी कहानियों के माध्यम से समाज में व्याप्त कुरीतियों पर बात करने की कोशिश करते थे। फिर भी, उनकी फिल्मों को अपने विषय के कारण अक्सर विवादों का सामना करना पड़ा था।Satyam Shivam Sundaram
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सत्यम शिवम सुंदरम राज कपूर की एक ऐसी ही फिल्म थी। इस फिल्म में निर्देशक ने ऐसे प्यार को दिखाया, जहां मन की सुंदरता शरीर की सुंदरता से अधिक महत्वपूर्ण होती है। सत्यम शिवम सुंदरम की कहानी दिल जीतने वाली थी, लेकिन फिल्म फिर भी विवादों में घिर गई थी।
लता मंगेशकर से प्रेरित थी फिल्म
‘सत्यम शिवम सुंदरम’ (Satyam Shivam Sundaram) में जीनत अमान और शशि कपूर ने लीड रोल निभाया था। फिल्म में हीरो, हीरोइन को देखे बिना उसकी खूबसूरत आवाज सुनकर अपना दिल हार बैठता है। ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ के पीछे राज कपूर की प्रेरणा बनी थीं स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar)। वो इस फिल्म में ‘रूपा’ का लीड रोल भी निभाने वाली थीं, लेकिन शोमैन के एक कमेंट ने उन्हें नाराज कर दिया और उन्होंने फिल्म करने से इनकार कर दिया।
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लता मंगेशकर बनतीं ”रूपा”
‘सत्यम शिवम सुंदरम’ की कहानी के लिए राज कपूर की पहली पसंद लता मंगेशकर थीं। दरअसल, नामी सिंगर बनने से पहले उन्होंने एक्टिंग में भी हाथ आजमाया था और उनके पास कई छोटे- मोटे रोल करने का अनुभव था। ऐसे में जब राज कपूर ने लता मंगेशकर को ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ की कहानी सुनाई, तो ये उन्हें पसंद आई और उन्होंने लीड रोल निभाने के लिए हामी भर दी। राज कपूर की इस फिल्म के लिए लता मंगेशकर बिल्कुल फिट थीं। ऋतु नंदा ने 2002 में अपनी किताब ‘राज कपूर स्पीक्स’ में इसका खुलासा किया था।
क्या है ‘बदसूरत लड़की’ का किस्सा ?
‘सत्यम शिवम सुंदरम’ की शूटिंग शुरू होने से पहले फिल्म को लेकर बात करते हुए राज कपूर ने कह दिया था कि ये एक मखमली आवाज, लेकिन बदसूरत लड़की की कहानी है। जब ये बात लता मंगेशकर के कानों तक पहुंची, तो उन्हें चुभ गई। ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ से जुड़ी इस दिलचस्प का घटना का जिक्र पत्रकार वीर सांघवी ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में किया है।
राज कपूर से नाराज हुई लता मंगेशकर
राज कपूर संग अपनी मुलाकात के बारे में बताते हुए किताब में वीर संघवी ने ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ का किस्सा सुनाया। फिल्म को लेकर बात करते हुए राज कपूर ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था- एक पत्थर लीजिए, ये बस एक पत्थर है, लेकिन इस पर कोई धार्मिक चिन्ह बना दीजिए तो ये भगवान बन जाएगा। आप चीजों को कैसे देखते हैं यह मायने रखता है। आप एक खूबसूरत आवाज सुनते हैं, लेकिन बाद में आपको पता चलता है कि ये एक बदसूरत लड़की की आवाज है।”
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राज कपूर इतना कहते ही रुक गए और तुरंत आदेश दिया- “बदसूरत लड़की वाली बात कट कर दो। लता परेशान हो जाएंगी।” हालांकि, अंत में ये बात लता मंगेशकर तक पहुंच ही गई और नतीजा ये हुआ कि नाराज होकर उन्होंने ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ से किनारा कर लिया। बाद में ये फिल्म जाकर जीनत अमान की झोली में गिरी और ‘रूपा’ के किरदार में अभिनेत्री हमेशा के लिए यादगार बन गईं।
दुखी करने की नहीं थी राज कपूर की मंशा
राज कपूर के बदसूरत लड़की वाले कमेंट के बारे में बात करते हुए वीर संघवी ने इसके पीछे की मंशा के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, “मुझे पता था कि वह किस बारे में बात कर रहे थे। ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ के शुरुआती प्रचार में उन्होंने घोषणा की थी कि वो मंगेशकर के चेहरे और आवाज के बीच के अंतर से फिल्म बनाने के लिए प्रेरित हुए थे। इससे वो जाहिर तौर पर उड़ गई थीं। गुस्से में आकर उन्होंने फिल्म के लिए गाने से भी इनकार कर दिया।” हालांकि, बाद में राज कपूर ने लता मंगेशकर को ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ में गाने के लिए मना लिया था।